“संसाधन और विकास” अध्याय हमें यह समझने में मदद करता है कि प्राकृतिक संसाधन केवल प्रकृति के बहुमूल्य उपहार नहीं हैं, बल्कि हमारी भविष्य की आधारशिला भी हैं। इस अध्याय को पढ़ने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि संसाधनों का महत्व केवल उनकी उपलब्धता में नहीं, बल्कि उनके संतुलित उपयोग, सही प्रबंधन, और निरंतर संरक्षण में छिपा है। यदि हम आज संसाधन-संकट, भूमि-क्षरण, पर्यावरण प्रदूषण और असंतुलित विकास जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो इसका मुख्य कारण संसाधनों का अत्यधिक दोहन और अनियोजित उपयोग है।
अध्याय हमें यह भी सिखाता है कि विकास तभी सार्थक है, जब वह सतत हो — यानी वर्तमान पीढ़ी की ज़रूरतें पूरी करते हुए भविष्य की पीढ़ियों के अधिकारों और आवश्यकताओं को सुरक्षित रखा जाए। यही कारण है कि वैज्ञानिकों, पर्यावरणविदों और नीति-निर्माताओं के साथ-साथ हम सभी नागरिकों की ज़िम्मेदारी है कि संसाधनों का सोच-समझकर उपयोग करें और उन्हें संरक्षित करने में सहयोग दें।
संसाधनों की श्रेणियाँ—प्राकृतिक, मानव और मानव-निर्मित—हमें यह समझाती हैं कि ये तीनों एक-दूसरे से गहरे जुड़े हुए हैं। प्राकृतिक संसाधन आधार प्रदान करते हैं, मानव संसाधन उन्हें उपयोग करने की क्षमता और कौशल देते हैं, और मानव-निर्मित संसाधन विकास की रफ्तार बढ़ाते हैं। इसलिए इन सभी का समन्वय ही किसी भी समाज या राष्ट्र को प्रगति के मार्ग पर ले जाता है।
आज की दुनिया में जब पर्यावरण असंतुलन और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियाँ बढ़ रही हैं, तब “संसाधन और विकास” जैसे अध्याय हमारी जागरूकता बढ़ाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इससे हमें यह समझ आता है कि संसाधनों के बिना मानव जीवन संभव नहीं है और संसाधनों का संरक्षण किए बिना विकास भी संभव नहीं। हमें चाहिए कि हम अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे कदम उठाएँ — जैसे पानी बचाना, मिट्टी संरक्षण के उपाय अपनाना, ऊर्जा का विवेकपूर्ण उपयोग, और वृक्षारोपण — ताकि हम अपनी पृथ्वी को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रख सकें।
अंत में, यह अध्याय हमें न केवल ज्ञान देता है, बल्कि ज़िम्मेदारी भी सौंपता है। संसाधन सीमित हैं, लेकिन हमारी सोच और समझ असीमित हो सकती है। यदि हम सभी मिलकर संसाधनों का बुद्धिमानी से उपयोग करेंगे, तो विकास भी स्थायी होगा और भविष्य भी सुरक्षित
।. संसाधन क्या है?
A. प्रकृति से प्राप्त वस्तु
B. आवश्यकता पूरी करने वाली वस्तु
C. मानव निर्मित वस्तु
D. केवल खनिज
✔ उत्तर: B
2. प्राकृतिक संसाधनों का उदाहरण है—
A. सड़क
B. जल
C. स्टेशन
D. मोटर
✔ उत्तर: B
3. सतत विकास का अर्थ है—
A. केवल भविष्य की जरूरतें
B. केवल वर्तमान की जरूरतें
C. वर्तमान व भविष्य दोनों की जरूरतें
D. इनमें से कोई नहीं
✔ उत्तर: C
4. अर्थ समिट कहाँ हुई थी?
A. टोक्यो
B. पेरिस
C. रियो डी जेनेरियो
D. दिल्ली
✔ उत्तर: C
5. अर्थ समिट कब हुई थी?
A. 1980
B. 1992
C. 2000
D. 2015
✔ उत्तर: B
6. जलोढ़ मिट्टी किस क्षेत्र में पाई जाती है?
A. उत्तर भारत
B. दक्षिण भारत
C. पश्चिमी घाट
D. हिमालय
✔ उत्तर: A
7. काली मिट्टी का दूसरा नाम है—
A. रेगिस्तानी मिट्टी
B. कपास मिट्टी
C. रेगुर मिट्टी
D. लाल मिट्टी
✔ उत्तर: C
8. काली मिट्टी किसके लिए प्रसिद्ध है?
A. चावल
B. कपास
C. गेहूँ
D. रबर
✔ उत्तर: B
9. भारत में भूमि क्षरण का प्रमुख कारण है—
A. सौर ऊर्जा
B. खनन
C. बारिश
D. धूप
✔ उत्तर: B
10. मिट्टी संरक्षण का एक तरीका है—
A. अधिक सिंचाई
B. वृक्षारोपण
C. अधिक चराई
D. उर्वरक का अत्यधिक प्रयोग
✔ उत्तर: B\
11. संसाधन का कौन-सा उदाहरण मानव संसाधन है?
A. खनिज
B. स्कूल
C. शिक्षक
D. पानी
✔ उत्तर: C
12. अनवीकरणीय संसाधनों का उदाहरण है—
A. सूर्य ऊर्जा
B. हवा
C. कोयला
D. जल
✔ उत्तर: C
13. भारत में संसाधनों का वितरण कैसा है?
A. समान
B. असमान
C. अधिक
D. कोई नहीं
✔ उत्तर: B
14. भूमि उपयोग का प्रमुख कारक क्या है?
A. जनसंख्या
B. अर्थव्यवस्था
C. भौगोलिक स्थिति
D. सभी
✔ उत्तर: D
15. लाल मिट्टी का रंग किसके कारण होता है?
A. तांबा
B. लोहा
C. कैल्शियम
D. मैंगनीज
✔ उत्तर: B
16. लेटराइट मिट्टी कहाँ पाई जाती है?
A. शुष्क क्षेत्र
B. वर्षा प्रधान क्षेत्र
C. पहाड़ी क्षेत्र
D. मरुस्थल
✔ उत्तर: B
17. मृदा अपरदन किससे होता है?
A. हवा
B. पानी
C. हवा और पानी दोनों
D. धूप
✔ उत्तर: C
18. भारत में सबसे अधिक भूमि किस कार्य में उपयोग होती है?
A. वन
B. खेती
C. चारागाह
D. खनन
✔ उत्तर: B
19. रेगिस्तानी मिट्टी किस राज्य में पाई जाती है?
A. पंजाब
B. राजस्थान
C. बिहार
D. तमिलनाडु
✔ उत्तर: B
20. काजू किस मिट्टी में उगाया जाता है?
A. लाल मिट्टी
B. काली मिट्टी
C. लेटराइट मिट्टी
D. जलोढ़ मिट्टी
✔ उत्तर: C
21. वनों की कटाई किस समस्या को बढ़ाती है?
A. भूमि क्षरण
B. जल की कमी
C. जलवायु परिवर्तन
D. सभी
✔ उत्तर: D
22. खनिज किस प्रकार का संसाधन है?
A. जैविक
B. अजैविक
C. मानव
D. कोई नहीं
✔ उत्तर: B
23. मानव द्वारा बनाए संसाधन कहलाते हैं—
A. प्राकृतिक संसाधन
B. मानव संसाधन
C. मानवनिर्मित संसाधन
D. जैविक संसाधन
✔ उत्तर: C
24. सर्वाधिक उपजाऊ मिट्टी कौन-सी है?
A. लाल मिट्टी
B. काली मिट्टी
C. जलोढ़ मिट्टी
D. लेटराइट मिट्टी
✔ उत्तर: C
25. भूमि क्षरण रोकने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया जाता है?
A. कटाव
B. टेरेसिंग
C. चराई
D. अनियंत्रित खनन
✔ उत्तर: B
26. भारत में सबसे अधिक वर्षा किस मिट्टी को प्रभावित करती है?
A. जलोढ़
B. काली
C. लेटराइट
D. लाल
✔ उत्तर: C
27. मृदा संरक्षण का एक तरीका है—
A. वनों की कटाई
B. कंटूर जुताई
C. अतिचराई
D. अवैज्ञानिक खेती
✔ उत्तर: B
28. जलोढ़ मिट्टी किससे बनती है?
A. हवा
B. नदियाँ
C. समुद्र
D. पर्वत
✔ उत्तर: B
29. काली मिट्टी का निर्माण किससे हुआ है?
A. बेसाल्ट चट्टानों से
B. ग्रेनाइट से
C. बलुआ-पत्थर से
D. चूना-पत्थर से
✔ उत्तर: A
30. लाल मिट्टी कहाँ अधिक पाई जाती है?
A. पंजाब
B. झारखंड
C. राजस्थान
D. कश्मीर
✔ उत्तर: B
31. मृदा उर्वरता कम होने का कारण है—
A. अत्यधिक सिंचाई
B. उर्वरक का अत्यधिक प्रयोग
C. जलभराव
D. सभी
✔ उत्तर: D
32. कौन-सा संसाधन नवीकरणीय नहीं है?
A. जल
B. सूर्य ऊर्जा
C. वायु
D. कोयला
✔ उत्तर: D
33. संसाधन नियोजन का पहला चरण क्या है?
A. मानचित्रण
B. संसाधनों की पहचान
C. भूमि उपयोग योजना
D. तकनीक विकास
✔ उत्तर: B
34. भारत में किस मिट्टी में पोटाश कम होता है?
A. जलोढ़
B. काली
C. लाल
D. पर्वतीय
✔ उत्तर: C
35. पर्वतीय मिट्टी किसके लिए उपयुक्त है?
A. गेहूँ
B. जौ
C. बागवानी
D. बाजरा
✔ उत्तर: C
36. भूमि क्षरण का मानव कारण है—
A. वर्षा
B. बाढ़
C. खनन
D. हवा
✔ उत्तर: C
37. कटाव रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है—
A. पेड़ लगाना
B. चराई
C. खनन
D. सड़क निर्माण
✔ उत्तर: A
38. उपजाऊ मिट्टी की पहचान किससे होती है?
A. नमी
B. पोषक तत्व
C. बनावट
D. सभी
✔ उत्तर: D
39. संसाधन का सर्वोत्तम उपयोग कहलाता है—
A. दोहन
B. संरक्षण
C. वैज्ञानिक उपयोग
D. विकास
✔ उत्तर: C
40. भूमि उपयोग अध्ययन का मुख्य उद्देश्य है—
A. अधिक खेती
B. संतुलित उपयोग
C. अधिक खनन
D. अधिक निर्माण
✔ उत्तर: B1. संसाधन किसे कहते हैं?
A. मनुष्य द्वारा बनाई वस्तुएँ
B. प्रकृति से प्राप्त वस्तुएँ
C. आवश्यकताओं को पूरा करने वाली वस्तुएँ
D. केवल खनिज
✔ सही उत्तर: C
2. निम्न में से कौन-सा प्राकृतिक संसाधन है?
A. सड़क
B. पुल
C. जल
D. कार
✔ सही उत्तर: C
3. सतत विकास किससे सम्बन्धित है?
A. वर्तमान की जरूरत पूरी करना
B. भविष्य की जरूरतें सुरक्षित रखना
C. दोनों A और B
D. प्राकृतिक संसाधनों का अतिदोहन
✔ सही उत्तर: C
4. अर्थ समिट का आयोजन कब हुआ?
A. 1980
B. 1992
C. 2000
D. 2010
✔ सही उत्तर: B
5. जलोढ़ मिट्टी मुख्यतः कहाँ पाई जाती है?
A. राजस्थान
B. उत्तर-पूर्व भारत
C. उत्तरी मैदान
D. पश्चिमी घाट
✔ सही उत्तर: C
6. काली मिट्टी किस फसल के लिए प्रसिद्ध है?
A. चावल
B. गेहूँ
C. काजू
D. कपास
✔ सही उत्तर: D
7. लेटराइट मिट्टी का उपयोग किसके लिए विशेष रूप से होता है?
A. गेहूँ
B. चाय
C. गन्ना
D. जौ
✔ सही उत्तर: B
8. भूमि क्षरण का एक प्रमुख कारण है—
A. सिंचाई
B. वर्षा
C. खनन
D. खाद का उपयोग
✔ सही उत्तर: C
9. संसाधनों का वर्गीकरण कितने आधारों पर किया जाता है?
A. 2
B. 3
C. 4
D. 5
✔ सही उत्तर: D
10. नवीकरणीय संसाधनों का उदाहरण कौन-सा है?
A. पेट्रोलियम
B. कोयला
C. सूर्य ऊर्जा
D. प्राकृतिक गैस
✔ सही उत्तर: C
✅ II. एक शब्द/परिभाषा वाले प्रश्न (One Word / Definitions)
1. सतत विकास
उ. ऐसा विकास जो वर्तमान और भविष्य दोनों की जरूरतों को संतुलित रखे।
2. प्राकृतिक संसाधन
उ. प्रकृति से प्राप्त संसाधन जैसे—जल, हवा, मिट्टी, वन।
3. अनवीकरणीय संसाधन
उ. जो जल्दी पुनः नहीं बनते, जैसे—कोयला, पेट्रोलियम।
4. भूमि क्षरण
उ. भूमि की उर्वरता का कम होना।
5. लेटराइट मिट्टी
उ. वर्षा प्रधान क्षेत्रों की मिट्टी, जिसमें लौह-अभिक्रिया अधिक होती है
6. काली मिट्टी
उ. कापस उत्पादन के लिए प्रसिद्ध, चिकनी व उपजाऊ मिट्टी।
7. मृदा अपरदन
उ. पानी या हवा द्वारा मिट्टी का कटाव।
8. संसाधन नियोजन
उ. संसाधनों का पहचान, उपयोग और संरक्षण की प्रक्रिया।
9. जैविक संसाधन
उ. जीवित वस्तुओं से प्राप्त संसाधन, जैसे—वन, मानव, पशु।
10. एबायोटिक संसाधन
उ. निर्जीव संसाधन—खनिज, जल, वायु।
III. महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर (Short + Long Answers)
प्र.1. संसाधनों का वर्गीकरण लिखिए।
उ. संसाधनों का वर्गीकरण निम्न आधारों पर किया जाता है—
उत्पत्ति के आधार पर: जैविक, अजैविक
नवीकरणीयता के आधार पर: नवीकरणीय, अनवीकरणीय
स्वामित्व के आधार पर: व्यक्तिगत, सामुदायिक, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय
विकास स्तर के आधार पर: संभावित, विकसित, भंडारित, आरक्षित
प्रकृति के आधार पर: प्राकृतिक, मानव, मानव निर्मित।
प्र.2. सतत विकास क्यों आवश्यक है?
उ.
संसाधनों का अत्यधिक दोहन पर्यावरण को नष्ट करता है।
भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधन सुरक्षित रखने हेतु।
प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और जैव-विविधता विनाश को रोकने के लिए।
प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए।
इसलिए संसाधनों का वैज्ञानिक और नियंत्रित उपयोग आवश्यक है।
प्र.3. भारत में भूमि क्षरण के मुख्य कारण बताइए।
उ.
वनों की कटाई
अतिचराई
खनन
अनियंत्रित खेती
मिट्टी का कटाव
जलभराव और लवणीयता
प्र.4. जलोढ़ मिट्टी के गुण लिखिए।
उ.
अत्यंत उपजाऊ
सूक्ष्म कणों से बनी
गेहूँ, धान, गन्ना के लिए उपयुक्त
नदियों द्वारा लाई जाती है
उत्तरी मैदानों में व्यापक रूप से पाई जाती है
प्र.5. मिट्टी संरक्षण के उपाय लिखिए।
उ.
वृक्षारोपण
कंटूर जुताई
टेरेसिंग
हवा रोकने वाली पट्टियाँ
बँध निर्माण
अतिचराई रोकना
प्र.6. काली मिट्टी की विशेषताएँ लिखिए।
उ.
गहरी और चिकनी
नमी संचित करने की क्षमता अधिक
कपास के लिए प्रसिद्ध
महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश में पाई जाती है✅ सारांश (Summary)
“संसाधन और विकास” अध्याय में प्रकृति द्वारा दिए गए संसाधनों—जैसे भूमि, जल, खनिज, वन, मानव कौशल—के महत्व और उनके संतुलित उपयोग की बात की गई है। संसाधनों को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया गया है: प्राकृतिक, मानव और मानवनिर्मित।
संसाधनों का अत्यधिक दोहन पृथ्वी के पर्यावरण और भविष्य की पीढ़ियों के लिए बड़ा खतरा बन गया है। इसलिए सतत विकास (Sustainable Development) की अवधारणा महत्वपूर्ण है, जिसमें वर्तमान की जरूरतें पूरी करते हुए भविष्य को सुरक्षित रखा जाता है।
भारत में संसाधनों का वितरण असमान है, इसलिए संसाधन नियोजन आवश्यक है। भूमि उपयोग, मिट्टी के प्रकार (जलोढ़, काली, लाल, लेटराइट, रेगिस्तानी, पर्वतीय मिट्टी) और उनके संरक्षण (जैसे कंटूर जुताई, कटाव रोकना, वृक्षारोपण) पर भी विस्तृत चर्चा की गई है।
अध्याय हमें सिखाता है कि संसाधनों का वैज्ञानिक, न्यायसंगत और पर्यावरण-सुरक्षित उपयोग ही विकास की सही दिशा है।
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Questions)
प्र.1. संसाधन किसे कहते हैं?
उ. वह सब कुछ जिसे मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपयोग कर सके, संसाधन कहलाता है। जैसे—जल, भूमि, खनिज, मानव कौशल आदि।
प्र.2. प्राकृतिक संसाधन क्या हैं?
उ. प्रकृति द्वारा प्रदत्त वे संसाधन जिन्हें मनुष्य बिना किसी परिवर्तन के उपयोग करता है, प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। जैसे—जल, वायु, मिट्टी, वन।
प्र.3. सतत विकास से क्या तात्पर्य है?
उ. वर्तमान की जरूरतें पूरी करते हुए भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों से समझौता न करना ही सतत विकास है।
प्र.4. संसाधन नियोजन की आवश्यकता क्यों है?
उ. भारत में संसाधनों का वितरण असमान है और इनका अत्यधिक दोहन हो रहा है, इसलिए संसाधनों के न्यायसंगत और उचित उपयोग के लिए संसाधन नियोजन आवश्यक है।
प्र.5. भूमि क्षरण क्या है?
उ. प्राकृतिक या मानव कारणों से भूमि की उर्वरता का कम होना भूमि क्षरण कहलाता है।
प्र.6. भारत में भूमि क्षरण के कारण बताइए।
उ.
- वनों की कटाई
- अतिचराई
- खनन
- अनियंत्रित कृषि
- मिट्टी का कटाव
प्र.7. जलोढ़ मिट्टी कहाँ पाई जाती है?
उ. यह मुख्य रूप से उत्तरी मैदानों, गंगा–ब्रह्मपुत्र बेसिन और समुद्री तटवर्ती क्षेत्रों में पाई जाती है।
प्र.8. काली मिट्टी किस फसल के लिए प्रसिद्ध है?
उ. काली मिट्टी कपास की खेती के लिए सबसे उपयुक्त है।
प्र.9. लेटराइट मिट्टी का उपयोग कहाँ होता है?
उ. लेटराइट मिट्टी काजू, चाय, कॉफी और रबर जैसी फसलों के लिए उपयोगी होती है।
प्र.10. मृदा संरक्षण के दो उपाय लिखिए।
उ.
कंटूर जुताई
टेरेसिंग
वृक्षारोपण (कोई दो लिख सकते हैं)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Questions)
प्र.1. संसाधनों के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उ. संसाधनों को निम्न श्रेणियों में बांटा जाता है—
(1) उत्पत्ति के आधार पर
जैविक (Biotic) – मानव, पशु-पक्षी, पौधे
अजैविक (Abiotic) – जल, वायु, खनिज
(2) नवीनता के आधार पर
नवीकरणीय (Renewable) – हवा, पानी, सूर्य ऊर्जा
अनवीकरणीय (Non-renewable) – कोयला, पेट्रोलियम
(3) स्वामित्व के आधार पर
व्यक्तिगत, सामुदायिक, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय
(4) विकास के स्तर पर
संभावित, विकसित, भंडारित, आरक्षित
(5) प्रकृति के आधार पर
प्राकृतिक
मानव
मानवनिर्मित
इन सभी संसाधनों का मानव जीवन और देश के विकास में अत्यंत महत्व है।
प्र.2. सतत विकास की आवश्यकता क्यों है? विस्तार से लिखिए।
उ. सतत विकास आवश्यक है क्योंकि—
ससाधनों का अत्यधिक दोहन पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता है।
वनों की कटाई, प्रदूषण और ग्रीनहाउस प्रभाव बढ़ते हैं।
जल, मिट्टी और खनिजों का अत्यधिक उपयोग भविष्य में कमी ला सकता है।
प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने पर जलवायु परिवर्तन की समस्या बढ़ती है।
भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधनों का सुरक्षित रहना जरूरी है।
इसलिए संसाधनों का संतुलित, योजनाबद्ध और पर्यावरण हित में उपयोग ही सतत विकास का आधार है।
प्र.3. संसाधन नियोजन के चरणों को समझाइए।
उ. संसाधन नियोजन के तीन मुख्य चरण हैं—
संसाधनों की पहचान और सर्वेक्षण – विभिन्न क्षेत्रों में कौन-से संसाधन उपलब्ध हैं, उनका मानचित्रण और वर्गीकरण किया जाता है।
उपयुक्त तकनीक और संस्थागत विकास – संसाधनों के उपयोग के लिए आधुनिक तकनीक, कौशल और प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती है।
भूमि उपयोग योजना – खेती, उद्योग, वानिकी, खनन आदि के लिए भूमि का उचित उपयोग सुनिश्चित किया जाता है।
प्र.4. मिट्टी की विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उ. भारत में मुख्यतः छह प्रकार की मिट्टियाँ पाई जाती हैं—
जलोढ़ मिट्टी – अत्यंत उपजाऊ; गेहूँ, चावल, गन्ना आदि के लिए उपयुक्त।
काली मिट्टी – गहरी, चिकनी; कपास के लिए प्रसिद्ध।
लाल मिट्टी – कम उपजाऊ; दालें, बाजरा आदि के लिए उपयुक्त।
लेटराइट मिट्टी – वर्षा प्रधान क्षेत्रों में; काजू, चाय, रबर के लिए उपयोगी।
रेगिस्तानी मिट्टी – कम उपजाऊ; सिंचाई से खेती योग्य बनती है।
पर्वतीय मिट्टी – बागवानी, चाय और सेब के लिए उपयुक्त।⭐ संसाधन और विकास – पूर्ण अध्याय (Full Story / Summary in Hindi)
भूमिका
मनुष्य अपने जीवन को सहज और उन्नत बनाने के लिए प्रकृति से अनेक वस्तुएँ लेता है—जैसे जल, भूमि, खनिज, वन, हवा आदि। ये सभी प्रकृति द्वारा दिए गए उपहार हैं, जिन्हें हम संसाधन कहते हैं। संसाधन मानव जीवन और देश के विकास का आधार होते हैं।
परंतु संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग प्राकृतिक संतुलन बिगाड़ देता है। इसलिए संसाधनों का सतत (Sustainable) विकास आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है।
🌿 संसाधन क्या होते हैं?
संसाधन वे सभी वस्तुएँ या साधन हैं जिन्हें मनुष्य अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपयोग कर सके।
संसाधनों के प्रकार
1. आधार पर
✔ प्राकृतिक संसाधन – हवा, पानी, मिट्टी, जंगल, खनिज
✔ मानव संसाधन – मानव कौशल, श्रम, शिक्षित जनसंख्या
✔ मानवनिर्मित संसाधन – मशीनें, इमारतें, पुल, सड़कें
2. उत्पत्ति के आधार पर
✔ बायोटिक (सजीव) – मानव, पशु, पौधे
✔ एबायोटिक (निर्जीव) – खनिज, धातु, मिट्टी, जल
3. नूतनता के आधार पर
✔ नवीकरणीय (Renewable) – सूर्य ऊर्जा, हवा, पानी, जंगल
✔ अनवीकरणीय (Non-renewable) – पेट्रोलियम, कोयला, प्राकृतिक गैस
4. विकास के स्तर पर
✔ संभावित (Potential)
✔ विकसित (Developed)
✔ भंडारित (Stock)
✔ आरक्षित (Reserve)
संसाधन विकास की आवश्यकता
मनुष्य ने अपनी जरूरतों को बढ़ाते हुए संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया है। इसके कारण—
- पर्यावरण प्रदूषण
- जलवायु परिवर्तन
- वनों की कटान
- मिट्टी का कटाव
- जल की कमी
इसीलिए संसाधनों का वैज्ञानिक और योजनाबद्ध उपयोग आवश्यक है।
भारत में संसाधन वितरण असमान क्यों?
भारत में—
- राजस्थान में रेगिस्तान है
- झारखंड–छत्तीसगढ़–म.प्र. में खनिज
उत्तर प्रदेश–हरियाणा–पंजाब में उपजाऊ मिट्टी
उत्तर-पूर्वी राज्यों में घने जंगल
इसलिए भारत में संसाधनों का वितरण समान नहीं है।
🌱 सतत विकास (Sustainable Development)
वर्तमान की जरूरतें पूरी करते हुए भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों को नुकसान न पहुँचाना ही सतत विकास है।
दुनिया में पर्यावरण बिगड़ने के कारण 1992 में अर्थ समिट (Rio de Janeiro) का आयोजन किया गया था, जिसमें सतत विकास को बढ़ावा देने का संकल्प लिया गया।
संसाधन नियोजन (Resource Planning)
भारत जैसे विशाल देश में संसाधनों का उचित उपयोग करने के लिए संसाधन नियोजन आवश्यक है।
- संसाधन नियोजन के चरण:
- संसाधनों की पहचान और सूचीकृत करना
- टेक्नोलॉजी, कौशल और संस्थागत विकास
- भूमि उपयोग योजना बनाना
🚜 भूमि संसाधन एवं उपयोग
भारत में भूमि विभिन्न रूपों में उपयोग होती है:
- खेती
- जंगल
- चारागाह
- बंजर भूमि
- निर्माण कार्य
- खनन
भारत की भूमि संबंधी समस्याएँ
- भूमि कटाव
- मृदा अपरदन
- जलभराव
- लवणीयता
- पोषक तत्वों की कमी
- अवैज्ञानिक खेती
🌾 मिट्टी (Soil)
भारत में कई प्रकार की मिट्टियाँ पाई जाती हैं:
1. जलोढ़ मिट्टी (Alluvial Soil)
बहुत उपजाऊ
उत्तर भारत में पाई जाती है
गेहूँ–धान–गन्ना के लिए उत्तम
2. काली मिट्टी (Black Soil)
- कपास उत्पादन के लिए प्रसिद्ध
- महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश में
3. लाल मिट्टी (Red Soil)
- कम उपजाऊ
- उड़ीसा, झारखंड, कर्नाटक में
4. लेटराइट मिट्टी (Laterite Soil)
- वर्षा प्रधान क्षेत्रों में
- कजू की खेती के लिए महत्वपूर्ण
5. रेगिस्तानी मिट्टी (Arid Soil
- राजस्थान में
- सिंचाई से उपजाऊ बनती है
6. पर्वतीय मिट्टी (Mountain Soil)
- बागवानी के लिए उपयोगी
- हिमालयी क्षेत्र
🌧 मिट्टी संरक्षण
मिट्टी की रक्षा के उपाय:✔ कंटूर जुताई
✔ टेरेसिंग
✔ वृक्षारोपण
✔ हवा रोकने वाली पट्टियाँ (Wind Break)
✔ बँध निर्माण
✔ अतिचराई रोकना
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