10th Class social scince full story
यहाँ Class 10 Social Science (Geography) – अध्याय: कृषि (Agriculture) का सरल, साफ़ और परीक्षा उपयोगी फुल स्टोरी / सम्पूर्ण अध्याय सारांश (Full Summary in Hindi) दिया जा रहा है:
कृषि – पूर्ण अध्याय (Full Chapter Summary in Hindi)
कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान (भूगोल) – अध्याय 4
कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। बड़ी आबादी आज भी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। यह अध्याय मुख्य रूप से भारत में कृषि के प्रकार, कृषि के तरीके, फसलों के प्रकार, आधुनिक तकनीक, समस्याएँ और सुधारों पर आधारित है।
1. कृषि क्या है?
कृषि वह प्रक्रिया है जिसमें मनुष्य भूमि को उर्वर बनाकर फसलों की खेती करता है, पशुपालन करता है और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके भोजन, कच्चा माल और अन्य उत्पाद प्राप्त करता है।
भारत का कृषि क्षेत्र विश्व में सबसे बड़ा है और यहाँ की जलवायु विविधता के कारण अनेक प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं।
2. भारत में कृषि के प्रकार
(1) आदिम या स्थानांतरित कृषि (Shifting Agriculture)
- जिसे झूम खेती कहते हैं।
- मुख्यतः पूर्वोत्तर राज्यों में की जाती है।
- जंगल जलाकर भूमि साफ की जाती है।
(2) आश्रित या निर्वाह कृषि (Subsistence Farming)
- किसान परिवार की जरूरत के अनुसार खेती।
- छोटे खेत, पारम्परिक उपकरणों का उपयोग।
- उर्वरक, सिंचाई कम।
(3) वाणिज्यिक कृषि (Commercial Farming)
- व्यापार के लिए की जाने वाली खेती।
- बड़ी भूमि, आधुनिक मशीनें, उर्वरक व कीटनाशकों का उपयोग।
- नकदी फसलें जैसे—कपास, गन्ना, तम्बाकू आदि।
(4) गहन कृषि (Intensive Farming)
- कम जमीन पर अधिक उत्पादन।
- मानव श्रम अधिक, खाद और सिंचाई का अधिक प्रयोग।
(5) सघन कृषि (Extensive Farming)
- बड़े क्षेत्र पर कम श्रमिकों से खेती।
- मशहूर है पंजाब, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश में।
3. भारत की प्रमुख फसलें
(A) खाद्यान्न फसलें
1. धान (Rice)
- महत्वपूर्ण खरीफ फसल
- अधिक वर्षा और तापमान चाहिए (24–30°C)
- पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु प्रमुख उत्पादक
2. गेहूँ (Wheat)
- प्रमुख रबी फसल
- 10–15°C तापमान, मध्यम वर्षा
- उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश
3. ज्वार, बाजरा, मक्का (Coarse grains)
- शुष्क क्षेत्रों में उगाई जाती हैं
- बाजरा : राजस्थान
- ज्वार : महाराष्ट्र
- मक्का : कर्नाटक, मेघालय
(B) नकदी फसलें (Cash Crops)
1. कपास (Cotton)
गर्म और सूखा मौसम
काली मिट्टी
गुजरात, महाराष्ट्र
2. गन्ना (Sugarcane)
- अधिक तापमान और पानी
- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक
3. चाय (Tea)
- ढलवां पहाड़, अधिक वर्षा
- असम, दार्जिलिंग, तमिलनाडु
4. कॉफी
- कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु
5. रबर
- अधिक वर्षा और गर्मी चाहिए
- केरल प्रमुख उत्पाद
4. कृषि में उपयोग होने वाली फसल ऋतुएँ
- खरीफ (जुलाई–अक्टूबर)
- धान, कपास, मक्का, सोयाबीन
- वर्षा पर निर्भर
- रबी (अक्टूबर–मार्च)
- गेहूँ, जौ, चना, सरसों
- सिंचाई पर निर्भर
- जायद (मार्च–जून)
- तरबूज, खरबूजा, मूँग
- गर्मियों की छोटी फसल
5. भारत में कृषि से जुड़ी समस्याएँ
- छोटे भू–खण्ड
- मानसून पर निर्भरता
- उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग
- सिंचाई की कमी
- आधुनिक तकनीक की कमी
- मिट्टी का कटाव व क्षरण
6. हरित क्रांति (Green Revolution)
1960 के दशक में भारत में अधिक उत्पादन के लिए नया अभियान चलाया गया।
इसमें शामिल थे—
- उच्च उत्पादकता वाली बीज किस्में (HYV)
- ट्यूबवेल सिंचाई
- रासायनिक उर्वरक
- कीटनाशक
- आधुनिक मशीनें
- इसके कारण पंजाब, हरियाणा और पश्चिम यूपी में सबसे अधिक लाभ हुआ।
7. भारत में कृषि सुधार (Agricultural Reforms)
- कृषि को वैज्ञानिक बनाना
- Kisan Credit Card (KCC)
- सहकारी समितियाँ
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
- फसल बीमा योजना
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड
- जैविक कृषि को बढ़ावा
8. आधुनिक कृषि का महत्व
- उत्पादन बढ़ता है
- किसानों की आय बढ़ती है
- वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा
- ग्रामीण क्षेत्रों का विकास
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित
9. कृषि और अर्थव्यवस्था
- भारत की 50% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है
- उद्योगों को कच्चा माल मिलता है
- विदेशी व्यापार का बड़ा हिस्सा कृषि से आता है
निष्कर्ष
कृषि भारत की जीवनरेखा है। बदलती तकनीक, सरकारी योजनाएँ और आधुनिक खेती के तरीके आज कृषि को मजबूत बना रहे हैं। चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं जैसे—सिंचाई की कमी, मौसम परिवर्तन, भूमि का छोटा होना—लेकिन वैज्ञानिक खेती, सहकारी समितियाँ और नए सुधार भारत के कृषि क्षेत्र को और सशक्त बना रहे हैं।
नीचे कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान – अध्याय: कृषि (Agriculture) के
✔ सारांश
✔ प्रश्न-उत्तर
✔ लघु उत्तरीय प्रश्न
✔ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
पूरी तरह परीक्षा-उपयोगी सरल भाषा में दिए जा रहे हैं।
🌾 अध्याय – कृषि (Agriculture)
सारांश (Summary in Hindi)**
कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। देश की बड़ी आबादी अपनी जीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। यहाँ तीन मुख्य कृषि ऋतुएँ हैं—खरीफ़, रबी और ज़ायद। भारत में विविध जलवायु और मिट्टी के कारण अनेक प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं। प्रमुख खाद्यान्न फसलें—धान, गेहूँ, ज्वार, बाजरा और मक्का हैं, जबकि नकदी फसलें—कपास, गन्ना, चाय, कॉफी, रबर और तिलहन हैं।
भारत में कृषि के प्रकारों में निर्वाह कृषि, वाणिज्यिक कृषि, स्थानांतरण (झूम) कृषि, गहन कृषि और मिश्रित खेती प्रमुख हैं। 1960 के दशक में हरित क्रांति ने खाद्यान्न उत्पादन को बहुत बढ़ाया और भारत को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया।
कृषि को आज भी अनेक चुनौतियाँ हैं जैसे—छोटे भूखंड, सिंचाई की कमी, मानसून पर अत्यधिक निर्भरता, उर्वरक का दुरुपयोग, मिट्टी कटाव। सरकार द्वारा MSP, फसल बीमा, मृदा कार्ड, Kisan Credit Card, और आधुनिक तकनीक के उपयोग जैसी योजनाओं से कृषि क्षेत्र को मजबूत किया जा रहा है।
🌾 लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Questions)
1. कृषि को भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ क्यों कहा जाता है?
क्योंकि भारत की लगभग 50% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है और कृषि कई उद्योगों को कच्चा माल उपलब्ध कराती है।
2. स्थानांतरण कृषि क्या है?
इसे झूम खेती भी कहते हैं। जंगलों को जलाकर भूमि साफ की जाती है और कुछ वर्षों बाद जमीन की उर्वरता घटने पर नई जगह पर खेती की जाती है।
3. खरफ़ फसलें क्या हैं? एक उदाहरण दीजिए।
वर्षा ऋतु में बोई जाने वाली फसलें खरीफ़ कहलाती हैं।
उदाहरण—धान, कपास, मक्का।
4. रबी फसलें क्या हैं?
सर्दियों में उगने वाली फसलें रबी कहलाती हैं।
उदाहरण—गेहूँ, चना, जौ।
5. हरित क्रांति का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उच्च उत्पादक बीजों, सिंचाई, उर्वरक और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाना।
6. वाणिज्यिक कृषि क्या है?
जब फसलें व्यापार या बाजार में बेचने के उद्देश्य से उगाई जाएँ, तो इसे वाणिज्यिक कृषि कहते हैं।
उदाहरण—कपास, गन्ना, तंबाकू।
7. मिश्रित कृषि किसे कहते हैं?
फसलों की खेती के साथ पशुपालन को जोड़कर की जाने वाली खेती मिश्रित कृषि कहलाती है।
🌾 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Questions)
1. भारत में कृषि के प्रमुख प्रकारों की व्याख्या करें।
भारत में कृषि के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं—
(1) निर्वाह कृषि
किसान अपने परिवार की जरूरत के अनुसार कम भूमि पर पारंपरिक तरीके से खेती करता है।
(2) वाणिज्यिक कृषि
व्यापार के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर आधुनिक तकनीक से की जाने वाली खेती।
(3) स्थानांतरण कृषि
पूर्वोत्तर भारत में की जाने वाली झूम खेती जिसमें जमीन साफ कर कुछ वर्षों तक खेती की जाती है।
(4) गहन कृषि
कम भूमि पर अधिक श्रम व उर्वरक का उपयोग कर उत्पादन बढ़ाया जाता है।
(5) मिश्रित कृषि
- खेती के साथ पशुपालन को जोड़ा जाता है।
- इन सभी प्रकारों से भारत की कृषि विविधता का पता चलता है।
2. भारत की प्रमुख फसलों की जलवायु आवश्यकताओं का वर्णन करें।
(A) खाद्यान्न फसलें
- धान – 24–30°C तापमान और अधिक वर्षा (100–200 सेमी) चाहिए।
- गेहूँ – 10–15°C तापमान, कम वर्षा (50–75 सेमी)।
- ज्वार/बाजरा – गर्म और शुष्क मौसम।
- मक्का – मध्यम तापमान व वर्षा।
(B) नकदी फसलें
- कपास – काली मिट्टी, गर्म और शुष्क मौसम।
- गन्ना – गर्म व आर्द्र जलवायु, पर्याप्त पानी।
- चाय – ढलान, अधिक वर्षा व ठंडा मौसम।
- कॉफी – छायादार पहाड़ी क्षेत्र।
3. भारत की कृषि को कौन-कौन सी प्रमुख समस्याओं का सामना करना पड़ता है? समाधान लिखिए।
समस्याएँ—
- सिंचाई की कमी
- छोटे भूखंड
- मानसून पर निर्भरता
- आधुनिक मशीनों की कमी
- उर्वरकों और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग
- मिट्टी कटाव व क्षरण
समाधान—
- कृत्रिम सिंचाई का विस्तार
- भूमि सुधार
- आधुनिक तकनीक का प्रसार
- जैविक खेती को प्रोत्साहन
- MSP व फसल बीमा योजना
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड
- किसानों को सस्ती मशीनें उपलब्ध कराना
🌾 महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर (Exam-Oriented Q&A)
1. भारत में कितनी कृषि ऋतुएँ पाई जाती हैं? उनके नाम लिखिए।
भारत में तीन कृषि ऋतुएँ पाई जाती हैं—
- खरीफ़
- रबी
- ज़ायद
2. चाय उत्पादन के लिए कौन-सी परिस्थितियाँ उपयुक्त हैं?
अधिक वर्षा, ढलवाँ पहाड़ी क्षेत्र, उपोष्णकटिबंधीय जलवायु और अम्लीय मिट्टी चाय उत्पादन के लिए जरूरी होते हैं।
3. 'हरित क्रांति' का भारत की कृषि पर क्या प्रभाव पड़ा?
- खाद्यान्न उत्पादन में भारी वृद्धि
- किसान आत्मनिर्भर हुए
- सिंचाई और मशीनों का विस्तार
- नए HYV बीजों का उपयोग बढ़ा

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