विष के दाँत - 10th Class Hindi Objective Question Answer

 

विष के दाँत - 10th Class Hindi Objective Question Answer

विष के दाँत – पूरी कहानी (सरल एवं संक्षिप्त रूप में)

लेखक: नलिन विलोचन शर्मा

“विष के दाँत” एक अत्यंत प्रेरणादायक कहानी है, जिसमें लेखक यह बताना चाहता है कि डर वास्तव में हमारे मन में होता है। अगर हम साहस और बुद्धिमानी से काम लें, तो बड़ा से बड़ा संकट भी आसानी से पार किया जा सकता है।

कहानी की शुरुआत

एक व्यक्ति (कहानी का कथ narrator) शाम के समय सड़क पर चल रहा होता है। तभी उसे अचानक अपने रास्ते में एक साँप दिखाई देता है। जैसे ही वह साँप को देखता है, उसके मन में डर पैदा हो जाता है। उसे लगता है कि कहीं साँप उसे काट न ले।

वह आदमी धीरे-धीरे सावधानी से पीछे हटने लगता है। साँप भी अपना फन उठाकर खड़ा हो जाता है। ऐसा लगता है जैसे दोनों ही एक-दूसरे से डर रहे हों।

डर का असर

आदमी को लगता है कि साँप बहुत जहरीला होगा और उसकी एक काट से वह मर सकता है। इसी सोच के कारण उसका डर कई गुना बढ़ जाता है। उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगता है, हाथ-पैर काँपने लगते हैं। वह वहीं खड़ा रह जाता है और आगे क्या करे, यह सोच नहीं पाता।

लेखक यही बताना चाहता है कि

डर हमारे मन में पैदा होता है और उसी डर के कारण हम अपनी शक्ति और बुद्धि का सही उपयोग नहीं कर पाते।

साहस का पल

कुछ देर बाद आदमी देखता है कि साँप वहीं खड़ा है, लेकिन हमला नहीं करता। वह समझ जाता है कि साँप भी उसी की तरह डरा हुआ है और बस अपनी रक्षा कर रहा है।

यह सोचते ही उसके अंदर का डर कम हो जाता है। वह हिम्मत करता है और पास पड़े हुए एक पत्थर को उठाता है। वह धीरे से साँप की ओर फेंकता है, ताकि वह रास्ते से हट जाए। पत्थर गिरते ही साँप डर जाता है और झाड़ियों की तरफ चला जाता है।

आदमी समझ जाता है कि

उसने साँप को नुकसान नहीं पहुँचाया,

साँप भी उसे नुकसान पहुँचाना नहीं चाहता था,

असली चीज़ जिससे वह लड़ रहा था, वह साँप नहीं बल्कि अपना डर था।

कहानी का मुख्य संदेश (Moral)

इस कहानी का मुख्य संदेश है:

1. डर मन की कल्पना है

हम अक्सर चीज़ों से नहीं बल्कि अपनी कल्पना और सोच से ज्यादा डरते हैं।

2. संकट को समझना जरूरी है

अगर हम स्थिति को ठीक से समझ लें, तो डर अपने-आप खत्म हो जाता है।

3. साहस और आत्मविश्वास सफलता की चाबी हैं

थोड़ी-सी हिम्मत हमें बड़े से बड़े खतरे से बचा सकती है।

4. हर प्राणी अपनी रक्षा करता है

साँप सहित अधिकतर जीव तभी हमला करते हैं जब वे खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं।

निष्कर्ष

“विष के दाँत” हमें सिखाती है कि

डर जीवन का विष है, और साहस उसके दाँत तोड़ देता है।

अगर हम अपने डर को पहचानकर उस पर नियंत्रण कर लें, तो कोई भी कठिन स्थिति हमें हरा नहीं सकती।

नीचे “विष के दाँत” – नलिन विलोचन शर्मा अध्याय के

✔ सारांश

✔ लघु उत्तरीय प्रश्न-उत्तर

✔ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-उत्तर

✔ महत्त्वपूर्ण परीक्षा-उपयोगी Q&A

क्लास 10 स्तर के अनुसार दिए गए हैं।

✅ 1. अध्याय का सारांश (Summary)

“विष के दाँत” कहानी में लेखक यह बताता है कि जीवन में डर ही सबसे बड़ा विष है। एक व्यक्ति रास्ते में साँप देखकर बहुत डर जाता है। उसे लगता है कि साँप बहुत जहरीला है और तुरंत उस पर हमला करेगा। लेकिन साँप शांत खड़ा रहता है और कोई हानि नहीं करता। कुछ देर बाद व्यक्ति समझ जाता है कि साँप उसे काटने नहीं आ रहा, बल्कि स्वयं भी डर के कारण सतर्क खड़ा है।

जब व्यक्ति हिम्मत करके एक छोटा-सा पत्थर फेंकता है, तो साँप डरकर झाड़ियों में भाग जाता है।

इस घटना से लेखक सिद्ध करता है कि

जिसे हम बड़ा भय समझते हैं, वह अक्सर उतना खतरनाक नहीं होता।

डर हमें कमजोर बनाता है, हमारी सोच को जकड़ लेता है और हमें वास्तविकता समझने नहीं देता।

साहस, समझदारी और आत्मविश्वास से हर डर को हराया जा सकता है। यही जीवन का सबसे बड़ा सत्य है।

✅ 2. लघु उत्तरीय प्रश्न-उत्तर (Short Answer Questions)

प्र.1: ‘विष के दाँत’ शीर्षक का अर्थ क्या है?

उत्तर:

इस कहानी में “विष” यानी डर है और “दाँत” यानी वह शक्ति जिससे डर हमें कमजोर बनाता है। साहस उन दाँतों को तोड़ देता है।

प्र.2: आदमी साँप को देखकर क्यों डर गया?

उत्तर:

क्योंकि उसे लगा कि साँप जहरीला होगा और काट सकता है। उसकी कल्पना और डर ने खतरे को और बड़ा कर दिया।

प्र.3: साँप ने आदमी पर आक्रमण क्यों नहीं किया?

उत्तर:

क्योंकि साँप भी डर गया था और केवल अपनी रक्षा में फन उठाकर खड़ा था। वह स्वयं भयभीत था।

प्र.4: आदमी का डर कैसे कम हुआ?

उत्तर:

जब उसने देखा कि साँप उस पर हमला नहीं कर रहा, तब उसे समझ आया कि खतरा उतना बड़ा नहीं है। इससे उसका डर कम हो गया।

प्र.5: कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर:

हमें डर का सामना साहस और समझदारी से करना चाहिए। डर मन का भ्रम है, जिसे हिम्मत से हराया जा सकता है।

✅ 3. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-उत्तर (Long Answer Questions)

प्र.1: लेखक ने इस कहानी के माध्यम से क्या संदेश दिया है? विस्तार से लिखिए।

उत्तर:

लेखक ने “विष के दाँत” कहानी में बताया है कि डर मन का सबसे बड़ा दुश्मन है। आदमी ने साँप को देखकर अपने आप ही यह मान लिया कि वह जहरीला और खतरनाक है। डर के कारण उसकी सोचने-समझने की शक्ति समाप्त हो गई। लेकिन जब उसे पता चला कि साँप हमला नहीं कर रहा, तो उसके भीतर साहस आ गया।

इससे पता चलता है कि डर वस्तुओं में नहीं, मन में होता है।

अधिकतर संकट उतने भयावह नहीं होते जितने हम कल्पना में बना लेते हैं। यदि हम हिम्मत से काम लें, तो हर कठिनाई को पार कर सकते हैं।

कहानी का मुख्य संदेश है कि साहस डर को निष्क्रिय कर देता है, और डर के “विष के दाँत” टूट जाते हैं।

प्र.2: साँप और आदमी दोनों ही एक-दूसरे से क्यों डरे हुए थे? विस्तार से लिखिए।

उत्तर:

आदमी साँप को देखकर डर गया क्योंकि उसे लगा कि साँप जहरीला है और वह उसे काट सकता है। उसकी कल्पना ने खतरे को बहुत बड़ा बना दिया। दूसरी ओर साँप भी अचानक आदमी को देखकर घबरा गया।

साँप स्वभाव से आक्रमणकारी नहीं, बल्कि रक्षात्मक प्राणी है। वह सिर्फ अपना बचाव करता है। इसलिए उसने भी फन उठाकर केवल खुद को सुरक्षित रखा।

दोनों अपने-अपने डर में जकड़े थे। आदमी का डर अज्ञानता और कल्पना से उपजा था, जबकि साँप का डर स्वाभाविक सुरक्षा भाव से।

यह दिखाता है कि डर केवल मन का भ्रम है, वास्तविक खतरा कम ही होता है।

✅ 4. परीक्षा में आने वाले महत्त्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर

प्र.1: आदमी ने समस्या का समाधान कैसे निकाला?

उत्तर:

उसने हिम्मत जुटाई, एक छोटा-सा पत्थर उठाया और साँप को डराने के लिए फेंक दिया। इससे साँप भाग गया और रास्ता साफ हो गया।

प्र.2: कहानी में ‘वास्तविकता’ और ‘कल्पना’ की क्या भूमिका है?

उत्तर:

कल्पना ने डर को बढ़ाया और वास्तविकता ने डर को खत्म किया। आदमी खतरे की कल्पना करता रहा, लेकिन जब स्थिति को समझा तो उसने डर पर काबू पा लिया।

प्र.3: लेखक कहानी को ‘विष के दाँत’ क्यों कहते हैं?

उत्तर:

डर ऐसा विष है जो व्यक्ति की शक्ति और विवेक छीन लेता है। साहस और समझदारी उस विष के दाँत तोड़ देते हैं—इसलिए कहानी का शीर्षक प्रतीकात्मक है।

नीचे “विष के दाँत” – नलिन विलोचन शर्मा अध्याय के

✔ MCQ (बहुविकल्पीय प्रश्न)

✔ एक शब्द/परिभाषा वाले प्रश्न

✔ महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर

क्लास 10 स्तर के अनुसार दिए गए हैं।

✅ 1. MCQ (बहुविकल्पीय प्रश्न)

प्र.1: आदमी किसे देखकर डर गया था?

A) कुत्ते को

B) साँप को

C) बिच्छू को

D) बिल्ली को

उत्तर: B) साँप को

प्र.2: साँप ने आदमी पर हमला क्यों नहीं किया?

A) वह घायल था

B) वह खुद डर गया था

C) वह नींद में था

D) आदमी उससे दूर था

उत्तर: B) वह खुद डर गया था

प्र.3: आदमी का डर कब कम होने लगा?

A) जब उसने साँप को मारा

B) जब उसने थोड़ी दूरी बना ली

C) जब साँप ने उस पर हमला किया

D) जब उसे महसूस हुआ कि साँप खुद डर रहा है

उत्तर: D) जब उसे महसूस हुआ कि साँप खुद डर रहा है

प्र.4: आदमी ने साँप को भगाने के लिए क्या किया?

A) चिल्लाया

B) डंडा चलाया

C) पत्थर फेंका

D) भाग गया

उत्तर: C) पत्थर फेंका

प्र.5: कहानी का मुख्य संदेश क्या है?

A) साँप खतरनाक होते हैं

B) डर को बढ़ावा देना चाहिए

C) डर मन का भ्रम है

D) भागना ही समाधान है

उत्तर: C) डर मन का भ्रम है

प्र.6: लेखक के अनुसार ‘विष के दाँत’ किसे कहा गया है?

A) साँप के दाँत

B) मौत के दाँत

C) डर की शक्ति

D) खतरे की स्थिति

उत्तर: C) डर की शक्ति

प्र.7: आदमी डरते समय कैसा महसूस कर रहा था?

A) उत्साहित

B) शांत

C) काँप रहा था

D) खुश

उत्तर: C) काँप रहा था

प्र.8: साँप का व्यवहार कैसा था?

A) आक्रमणकारी

B) रक्षात्मक

C) खेल रहा था

D) शांत बैठा था

उत्तर: B) रक्षात्मक

✅ 2. एक शब्द / परिभाषा आधारित प्रश्न

प्र.1: “विष के दाँत” का प्रतीकात्मक अर्थ क्या है?

उत्तर: डर की शक्ति

प्र.2: आदमी को वास्तविक खतरा किससे था?

उत्तर: अपने ही डर से

प्र.3: साँप का स्वभाव कैसा बताया गया है?

उत्तर: रक्षात्मक

प्र.4: आदमी ने साँप को भगाने के लिए क्या इस्तेमाल किया?

उत्तर: पत्थर

प्र.5: कहानी का मुख्य विषय क्या है?

उत्तर: भय और साहस

प्र.6: कहानी का लेखक कौन है?

उत्तर: नलिन विलोचन शर्मा

प्र.7: आदमी की सबसे बड़ी समस्या क्या थी?

उत्तर: मन का डर

प्र.8: समाधान किससे मिला?

उत्तर: साहस से

✅ 3. प्रश्न-उत्तर (Short + Important)

प्र.1: आदमी अचानक पीछे क्यों हटने लगा?

उत्तर:

क्योंकि उसे सड़क पर साँप दिखाई दिया, जिससे वह बहुत डर गया और उसे लगा कि साँप हमला कर सकता है।

प्र.2: लेखक डर को विष क्यों कहते हैं?

उत्तर:

डर मनुष्य की सोच और विवेक को नष्ट कर देता है। यह व्यक्ति को कमजोर बना देता है। इसलिए इसे विष की तरह बताया गया है।

प्र.3: आदमी ने पत्थर क्यों फेंका?

उत्तर:

उसने साहस करके पत्थर फेंका ताकि साँप डरकर रास्ते से हट जाए और वह आगे बढ़ सके।

प्र.4: आदमी को कब समझ आया कि वह बेवजह डर रहा था?

उत्तर:

जब उसने देखा कि साँप कोई आक्रमण नहीं कर रहा और स्वयं भी डर के कारण स्थिर खड़ा है।

प्र.5: कहानी भय और साहस के बारे में क्या सिखाती है?

उत्तर:

कहानी बताती है कि डर मन का भ्रम है। यदि हम हिम्मत और समझदारी से काम लें, तो हर डर समाप्त हो जाता है।

प्र.6: साँप ने फन क्यों उठाया था?

उत्तर:

साँप ने फन इसलिए उठाया क्योंकि वह खुद डर गया था और अपनी रक्षा करना चाहता था।

40 Important Objective Questions

(क्लास 10 – विष के दाँत)

🔹 A. Multiple Choice Questions (MCQ) – 20 Questions

1. आदमी किसे देखकर डर गया था?

A) कुत्ता

B) साँप

C) नेवला

D) बिच्छू

उत्तर: B

2. आदमी का पहला प्रतिक्रिया क्या थी?

A) भाग जाना

B) चिल्लाना

C) धीरे-धीरे पीछे हटना

D) पत्थर उठाना

उत्तर: C

3. साँप ने फन क्यों उठाया था?

A) आक्रमण करने के लिए

B) खेल रहा था

C) रक्षा में

D) मर गया था

उत्तर: C

4. आदमी को डर किस कारण हुआ?

A) साँप बड़ा था

B) साँप विषैला लग रहा था

C) वह अकेला था

D) अंधेरा था

उत्तर: B

5. आदमी का डर कब कम हुआ?

A) जब उसने पत्थर मारा

B) जब साँप भाग गया

C) जब उसने देखा कि साँप शांत है

D) जब लोगों की भीड़ आई

उत्तर: C

6. आदमी ने साँप को भगाने के लिए क्या किया?

A) दौड़ लगा दी

B) डंडा मारा

C) आग लगाई

D) पत्थर फेंका

उत्तर: D

7. साँप ने आदमी पर हमला क्यों नहीं किया?

A) वह घायल था

B) वह भूखा था

C) वह डर गया था

D) वह सो रहा था

उत्तर: C

8. कहानी का मुख्य विषय क्या है?

A) साहस

B) प्रेम

C) मित्रता

D) दया

उत्तर: A

9. ‘विष के दाँत’ किसका प्रतीक है?

A) साँप का विष

B) खतरा

C) डर की शक्ति

D) तेज दाँत

उत्तर: C

10. आदमी का साहस कब बढ़ा?

A) जब साँप मरा

B) जब उसे लोग मिले

C) जब उसे समझ आया कि वह बेवजह डर रहा है

D) जब उसने डंडा उठाया

उत्तर: C

11. आदमी किस समय जा रहा था?

A) सुबह

B) दोपहर

C) शाम

D) रात

उत्तर: C

12. साँप का स्वभाव कैसा बताया गया है?

A) हिंसक

B) आक्रमणकारी

C) रक्षात्मक

D) मृत

उत्तर: C

13. डर किसका ‘विष’ कहलाया है?

A) साँप का

B) मन का

C) शरीर का

D) जहर का

उत्तर: B

14. आदमी क्यों स्थिर खड़ा रह गया?

A) जिज्ञासा के कारण

B) पूरी तरह डर के कारण

C) दर्द के कारण

D) थकान के कारण

उत्तर: B

15. कहानी का लेखक कौन है?

A) सुदर्शन

B) माखनलाल चतुर्वेदी

C) नलिन विलोचन शर्मा

D) सूर्यकांत त्रिपाठी

उत्तर: C

16. आदमी की परेशानी का असली कारण क्या था?

A) अंधेरा

B) खतरा

C) उसका कल्पना जनित डर

D) कोई आवाज़

उत्तर: C

17. साँप क्या कर रहा था?

A) पीछा कर रहा था

B) छलाँग लगा रहा था

C) फन उठाकर खड़ा था

D) भाग रहा था

उत्तर: C

18. आदमी ने परिस्थिति समझकर क्या निर्णय लिया?

A) भाग जाना

B) बैठ जाना

C) साहस दिखाना

D) किसी को बुलाना

उत्तर: C

19. कहानी किस शिक्षा पर आधारित है?

A) भय से बड़ा कोई शत्रु नहीं

B) युद्ध हमेशा लाभकारी

C) साँप हमेशा खतरनाक

D) दूरी बनाना आवश्यक

उत्तर: A

20. कहानी के अंत में क्या होता है?

A) आदमी डरकर बेहोश हो जाता है

B) साँप आदमी को काट लेता है

C) साँप डरकर भाग जाता है

D) भीड़ आ जाती है

उत्तर: C

✅ B. Fill in the Blanks (रिक्त स्थान भरें) – 10 Questions

21. आदमी को सबसे पहले _____ दिखाई दिया।

उत्तर: साँप

22. साँप ने अपना _____ उठाया था।

उत्तर: फन

23. कहानी का मुख्य संदेश है कि डर _____ है।

उत्तर: मन का भ्रम

24. आदमी ने साँप की ओर एक _____ फेंका।

उत्तर: पत्थर

25. साँप आक्रमणकारी नहीं बल्कि _____ था।

उत्तर: रक्षात्मक

26. आदमी का डर धीरे-धीरे _____ होने लगा।

उत्तर: कम

27. लेखक ने डर को _____ के दाँत कहा है।

उत्तर: विष

28. आदमी की सबसे बड़ी कमजोरी उसका _____ था।

उत्तर: डर

29. साहस से डर के _____ टूट जाते हैं।

उत्तर: दाँत

30. कहानी के लेखक _____ हैं।

उत्तर: नलिन विलोचन शर्मा

✅ C. True / False (सही/गलत) – 10 Questions

31. साँप आदमी का पीछा करने लगा।

उत्तर: गलत

32. आदमी अचानक पीछे हटने लगा क्योंकि उसे डर लगा।

उत्तर: सही

33. साँप हमेशा हमला करता है।

उत्तर: गलत

34. आदमी ने अंत में साहस दिखाया।

उत्तर: सही

35. साँप शांत और बिना हरकत के खड़ा था।

उत्तर: सही

36. आदमी साँप को देखकर तुरंत बेहोश हो गया।

उत्तर: गलत

37. कहानी बताती है कि डर वास्तविक होता है।

उत्तर: गलत

38. आदमी ने पत्थर फेंककर साँप को डराया।

उत्तर: सही

39. ‘विष के दाँत’ का अर्थ है—साँप के तीखे दाँत।

उत्तर: गलत

40. कहानी का अंत सकारात्मक है।

उत्तर: सही

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