भारत में राष्ट्रवाद - 10th Class Hindi - full story
1. प्रथम विश्व युद्ध और राष्ट्रवाद का उदय
1914 में प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ। युद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार ने भारत से कई तरह के कर बढ़ा दिए, सैनिक भर्ती तेज की और खाद्यान्न के दाम बढ़ गए।
महंगाई बढ़ी
लोगों की रोज़मर्रा की जिंदगी कठिन हो गई
किसान परेशान हुए
उद्योगों में मजदूरों की मुश्किलें बढ़ीं
इन परिस्थितियों ने लोगों को अंग्रेज़ों के खिलाफ एकजुट किया और राष्ट्रवाद की भावना मजबूत हुई।
2. महात्मा गांधी का भारत आगमन (1915)
गांधीजी दक्षिण अफ्रीका में संघर्ष करके लौटे थे। उन्होंने सत्याग्रह की शक्ति को भारत में इस्तेमाल किया।
कुछ प्रमुख आरंभिक सत्याग्रह:
चंपारण सत्याग्रह (1917) – नील किसानों के लिए
खेड़ा सत्याग्रह (1918) – किसानों की कर छूट के लिए
अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन (1918) – मजदूरों की मज़दूरी बढ़ाने के लिए
इनसे गांधीजी पूरे भारत में प्रसिद्ध हुए।
3. रोलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919)
ब्रिटिश सरकार ने रोलेट एक्ट पास किया, जिससे किसी को भी बिना सुनवाई जेल भेजा जा सकता था।
गांधीजी ने इसके खिलाफ आंदोलन किया।
13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में शांतिपूर्ण सभा पर जनरल डायर ने गोली चलवाई।
सैकड़ों लोग मारे गए
पूरा देश गुस्से से भर उठा
अंग्रेज़ों के प्रति विश्वास टूट गया
4. असहयोग आंदोलन (1920–22)
गांधीजी ने कहा कि अगर हम अंग्रेज़ों से सहयोग ही न करें, तो उनका शासन ढह जाएगा।
लोगों ने –
सरकारी स्कूल छोड़ दिए
विदेशी कपड़ों का बहिष्कार किया
अदालतों का उपयोग कम किया
स्वदेशी अपनाया
यह आंदोलन बहुत बड़ा हुआ, लेकिन 1922 में चौरी-चौरा की हिंसा के बाद गांधीजी ने इसे वापस ले लिया।
5. सविनय अवज्ञा आंदोलन / दांडी मार्च (1930)
गांधीजी ने नमक कानून तोड़ने का फैसला किया।
मार्च 1930 में उन्होंने साबरमती आश्रम से दांडी तक 240 किमी का यात्रा निकाली और समुद्र किनारे नमक बनाया।
पूरे देश में नमक सत्याग्रह शुरू हो गया
लाखों लोग जेल गए
ब्रिटिश सरकार को वार्ता करनी पड़ी
यह आंदोलन भारत में राष्ट्रवाद की सबसे बड़ी लहर लेकर आया।
6. महिलाएँ, किसान, मजदूर और व्यवसायी भी जुड़े
महिलाएँ :
हजारों महिलाएँ सत्याग्रह में शामिल हुईं
जेल गईं
विदेशी कपड़े जलाईं
किसान :
कर में बढ़ोतरी के खिलाफ आंदोलन
किसान सभाएँ बनीं
मजदूर :
फैक्ट्रियों में हड़तालें
मजदूरी बढ़ाने की मांग
व्यापारी वर्ग :
स्वदेशी के कारण भारतीय उद्योगों को लाभ
उन्होंने आंदोलनों को आर्थिक सहायता दी
7. दलितों और पिछड़ों का प्रश्न
गांधीजी छुआछूत के खिलाफ थे और उन्होंने इन्हें हरिजन कहा।
डॉ. भीमराव अंबेडकर अलग राजनीतिक अधिकार चाहते थे।
पूना पैक्ट (1932) में दोनों ने समझौता किया।
8. राष्ट्रवादी प्रतीक और राष्ट्रवाद का सांस्कृतिक रूप
भारतीयों ने राष्ट्रवाद व्यक्त करने के लिए कई तरीके अपनाए, जैसे–
राष्ट्रीय ध्वज (1906, 1921, 1931 के रूप में बदलाव)
भारतमाता की छवि
देशभक्ति गीत
स्वदेशी वस्तुएँ
सभाएँ, जुलूस और उपन्यास
इन सबने राष्ट्रवादी भावना फैलाने में बड़ी भूमिका निभाई।
समापन / निष्कर्ष
अंततः भारत में राष्ट्रवाद की भावना ने अंग्रेज़ी शासन की नींव हिला दी।
गांधीजी के नेतृत्व में भारत एकजुट हुआ और लोगों ने समझा कि अहिंसा और सत्याग्रह की शक्ति से भी एक साम्राज्य को चुनौती दी जा सकती है।
यह संघर्ष आगे चलकर 1947 में भारत की स्वतंत्रता का कारण बना।1. अध्याय का सारांश (Summary in Hindi)
"भारत में राष्ट्रवाद" अध्याय बताता है कि कैसे ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों में राष्ट्रवाद का भाव धीरे–धीरे विकसित हुआ। प्रथम विश्व युद्ध के बाद करों की बढ़ोतरी, महंगाई, बीमारी और अकाल जैसी समस्याओं ने जनता को अंग्रेज़ों के खिलाफ एकजुट किया। इसी समय गांधीजी ने सत्याग्रह और अहिंसा के रास्ते पर देश को संगठित किया।
चंपारण, खेड़ा और अहमदाबाद के आंदोलनों से गांधीजी राष्ट्रीय नेता बने। रोलेट एक्ट और जलियांवाला बाग जैसी घटनाओं ने भारतीयों में गहरा आक्रोश पैदा किया। इसके बाद असहयोग आंदोलन (1920) ने पूरे भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ व्यापक जनजागृति पैदा की।
1922 की चौरी-चौरा घटना के बाद असहयोग आंदोलन वापस ले लिया गया। आगे 1930 में दांडी यात्रा के साथ सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ जिसने नमक कानून तोड़कर अंग्रेज़ी सत्ता को खुली चुनौती दी। इस आंदोलन में महिलाएँ, किसान, मजदूर, व्यापारी और दलित सभी शामिल हुए।
अंत में, राष्ट्रवाद को मजबूत बनाने में प्रतीकों – जैसे राष्ट्रीय ध्वज, भारत माता की छवि, देशभक्ति गीत और स्वदेशी वस्तुओं – का भी बड़ा योगदान रहा।
2. लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Questions – 2 to 4 Marks)
प्र.1. रोलेट एक्ट क्या था? यह भारतीयों को क्यों नापसंद था?
उत्तर:
1919 में बनाया गया रोलेट एक्ट एक ऐसा कानून था जिसमें सरकार को बिना मुकदमे और बिना जमानत के किसी को भी गिरफ्तार करने और जेल में रखने का अधिकार था।
इसे भारतीय नापसंद करते थे क्योंकि:
यह नागरिक अधिकारों का उल्लंघन था।
इसमें न्याय का कोई अवसर नहीं था।
इससे अंग्रेज़ सरकार की तानाशाही झलकती थी。
प्र.2. जलियांवाला बाग हत्याकांड क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
13 अप्रैल 1919 को जनरल डायर ने शांतिपूर्ण सभा पर गोली चला दी जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए।
यह महत्वपूर्ण है क्योंकि:
इससे अंग्रेज़ शासन की असली क्रूरता सामने आई।
भारतीयों का विश्वास टूट गया।
राष्ट्रवाद की भावना और अधिक तेज हुई।
प्र.3. असहयोग आंदोलन में गांधीजी की मुख्य अपील क्या थी?
उत्तर:
गांधीजी ने भारतीयों से अपील की कि वे अंग्रेज़ों का असहयोग करें।
मुख्य बिंदु:
विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार
सरकारी स्कूल, अदालतें, पद और पुरस्कार छोड़ना
स्वदेशी अपनाना
हाथकरघा को बढ़ावा देना
प्र.4. दांडी यात्रा क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर:
12 मार्च 1930 को गांधीजी ने 78 साथियों के साथ साबरमती से दांडी तक 240 किमी की यात्रा की और समुद्र किनारे नमक बनाया।
यह ब्रिटिश नमक कानून के खिलाफ प्रत्यक्ष चुनौती थी और इसी से सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत मानी जाती है।
प्र.5. स्वदेशी आंदोलन से भारत को क्या लाभ हुआ?
उत्तर:
भारतीय उद्योगों को बढ़ावा मिला
विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार से राष्ट्रीय एकता मजबूत हुई
देशभक्ति की भावना फैली
प्र.6. पूना पैक्ट (1932) क्या था?
उत्तर:
डॉ. अंबेडकर और महात्मा गांधी के बीच हुआ समझौता था।
इसमें दलितों को सामान्य निर्वाचन क्षेत्रों में आरक्षण मिला और पृथक निर्वाचक मंडल की मांग वापस ली गई।
3. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Questions – 5 to 8 Marks)
प्र.1. असहयोग आंदोलन के कारण, विशेषताएँ और परिणाम समझाइए।
उत्तर:
(1) कारण:
रोलेट एक्ट और जलियांवाला बाग हत्याकांड
खिलाफत आंदोलन का समर्थन
महंगाई और करों की बढ़ोतरी
अंग्रेज़ों का दमन
(2) विशेषताएँ:
विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार
सरकारी स्कूल-कॉलेजों से त्यागपत्र
वकीलों द्वारा अदालतों का बहिष्कार
स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग
चरखा और खादी का प्रचार
(3) परिणाम:
ब्रिटिश शासन की नींव कमजोर हुई
राष्ट्रीय एकता मजबूत हुई
कई उद्योगपतियों ने भारतीय उद्योगों का विस्तार किया
चौरी-चौरा की घटना के बाद गांधीजी ने आंदोलन वापस ले लिया
प्र.2. सविनय अवज्ञा आंदोलन के उद्देश्यों, कार्यक्रमों और प्रभावों को विस्तार से लिखिए।
उत्तर:
उद्देश्य:
ब्रिटिश नमक कानून तोड़ना
औपनिवेशिक शासन को अहिंसक चुनौती देना
कार्यक्रम:
दांडी यात्रा और नमक बनाना
करों का न भुगतान
शराब की दुकानों पर पिकेटिंग
जंगल कानूनों का उल्लंघन
विदेशी कपड़ों का बहिष्कार
प्रभाव:
लाखों लोग जेल गए
महिलाएँ बड़ी संख्या में जुड़ीं
किसान व मजदूर भी शामिल हुए
अंग्रेज़ सरकार को गांधी–इरविन समझौता करना पड़ा
राष्ट्रीय आंदोलन का चरम दिखाई दिया
प्र.3. भारतीय राष्ट्रवाद को बढ़ाने में 'राष्ट्रीय प्रतीकों' की भूमिका समझाइए।
उत्तर:
राष्ट्रध्वज ने लोगों में एकता पैदा की
भारत माता की छवि ने देश को देवी के रूप में प्रस्तुत किया
देशभक्ति गीतों ने जनसाधारण में भावनाएँ जगाईं
स्वदेशी वस्तुओं ने आर्थिक स्वतंत्रता की भावना बढ़ाई
सभाओं, जुलूसों और त्योहारों ने एकजुटता का वातावरण बनाया
प्र.4. प्रथम विश्व युद्ध ने भारत में राष्ट्रवाद को कैसे बढ़ाया?
उत्तर:
युद्ध खर्च बढ़ाने के लिए करों में वृद्धि
महंगाई और अकाल
सैनिक भर्ती बढ़ने से ग्रामीण जीवन प्रभावित
1918-19 में प्लेग और स्पेनिश फ्लू से लाखों मौतें
→ लोगों में असंतोष बढ़ा और राष्ट्रवाद की भावना मजबूत हुई।
4. अतिरिक्त महत्वपूर्ण प्रश्न–उत्तर (Exam-Oriented)
प्र.1. गांधीजी ने 'अहिंसा' और 'सत्याग्रह' को क्यों अपनाया?
उत्तर:
क्योंकि सत्याग्रह बिना हिंसा के अन्याय का विरोध करने का तरीका था। इसमें सत्य, प्रेम, धैर्य और नैतिक शक्ति का प्रयोग होता है।
प्र.2. खिलाफत आंदोलन क्या था?
उत्तर:
प्रथम विश्व युद्ध के बाद तुर्की खिलाफत को नुकसान पहुंचाने पर भारतीय मुसलमान नाराज़ हुए। गांधीजी ने हिंदू–मुस्लिम एकता के लिए खिलाफत आंदोलन का साथ दिया।
प्र.3. किसान आंदोलन क्यों उभरे?
उत्तर:
क्योंकि –
करों में बढ़ोतरी
नील खेती का दबाव
लगान की वसूली
सूखे और महामारी
ने किसानों की हालत खराब कर दी।1. MCQs (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. दांडी यात्रा कब शुरू हुई?
A. 1920
B. 1930
C. 1919
D. 1935
✔️ उत्तर: B. 1930
2. रोलेट एक्ट किस वर्ष में पास हुआ?
A. 1917
B. 1919
C. 1922
D. 1932
✔️ उत्तर: B. 1919
3. जलियांवाला बाग हत्याकांड कहाँ हुआ था?
A. दिल्ली
B. अमृतसर
C. लाहौर
D. कानपुर
✔️ उत्तर: B. अमृतसर
4. असहयोग आंदोलन को किस घटना के बाद वापस लिया गया?
A. दांडी यात्रा
B. जलियांवाला बाग हत्या
C. चौरी-चौरा घटना
D. द्वितीय गोलमेज सम्मेलन
✔️ उत्तर: C. चौरी-चौरा घटना
5. ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ की शुरुआत किसने की?
A. जवाहरलाल नेहरू
B. सुभाष चंद्र बोस
C. महात्मा गांधी
D. भगत सिंह
✔️ उत्तर: C. महात्मा गांधी
6. नमक कानून किस आंदोलन से जुड़ा था?
A. असहयोग आंदोलन
B. स्वदेशी आंदोलन
C. सविनय अवज्ञा आंदोलन
D. खिलाफत आंदोलन
✔️ उत्तर: C. सविनय अवज्ञा आंदोलन
7. पूना पैक्ट कब हुआ था?
A. 1930
B. 1931
C. 1932
D. 1935
✔️ उत्तर: C. 1932
8. खिलाफत आंदोलन किसके समर्थन में किया गया था?
A. भारत माता
B. खलीफा (तुर्की सम्राट)
C. गांधीजी
D. ब्रिटिश सरकार
✔️ उत्तर: B. खलीफा
9. गांधीजी भारत कब लौटे?
A. 1915
B. 1917
C. 1919
D. 1920
✔️ उत्तर: A. 1915
10. ‘सत्याग्रह’ का अर्थ क्या है?
A. हिंसा का प्रयोग
B. सत्य के लिए आग्रह
C. झूठ पर विश्वास
D. अंग्रेजों की सेवा
✔️ उत्तर: B. सत्य के लिए आग्रह
2. एक शब्द / परिभाषा वाले प्रश्न
1. रोलेट एक्ट
➡️ ऐसा कानून जिसमें किसी को बिना मुकदमे जेल भेजा जा सकता था।
2. सत्याग्रह
➡️ सत्य और अहिंसा पर आधारित संघर्ष का तरीका।
3. दांडी यात्रा
➡️ गांधीजी द्वारा नमक कानून तोड़ने के लिए की गई 240 किमी की पैदल यात्रा।
4. असहयोग आंदोलन
➡️ अंग्रेज़ों के साथ हर तरह का सहयोग न करने का आंदोलन।
5. सविनय अवज्ञा
➡️ अन्यायपूर्ण कानूनों का शांतिपूर्ण उल्लंघन करना।
6. पूना पैक्ट
➡️ गांधीजी और डॉ. अंबेडकर का दलितों के राजनीतिक अधिकारों पर समझौता।
7. जलियांवाला बाग हत्याकांड
➡️ 1919 में अमृतसर में जनरल डायर द्वारा की गई गोलीबारी।
8. स्वदेशी
➡️ विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर देशी वस्तुओं का प्रयोग करना।
9. खिलाफत आंदोलन
➡️ प्रथम विश्व युद्ध के बाद तुर्की खलीफा के समर्थन में भारतीय मुसलमानों द्वारा चलाया गया अभियान।
10. भारत माता की छवि
➡️ राष्ट्रवाद का सांस्कृतिक प्रतीक, देश को देवी के रूप में दर्शाने वाली आकृति।
3. महत्वपूर्ण प्रश्न–उत्तर (Short & Long)
1. गांधीजी ने असहयोग आंदोलन क्यों शुरू किया?
उत्तर:
रोलेट एक्ट का विरोध
जलियांवाला बाग हत्याकांड
खिलाफत आंदोलन का समर्थन
इन घटनाओं ने लोगों में आक्रोश पैदा किया, इसलिए गांधीजी ने असहयोग आंदोलन शुरू किया।
2. दांडी यात्रा का क्या महत्व था?
उत्तर:
नमक कानून का उल्लंघन
ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ प्रत्यक्ष चुनौती
सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत
इस यात्रा ने राष्ट्रवाद को नई ऊर्जा दी।
3. चौरी-चौरा घटना क्या थी?
उत्तर:
1922 में उत्तर प्रदेश के चौरी-चौरा में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प में थाने को जला दिया गया।
गांधीजी अहिंसा से समझौता नहीं करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने आंदोलन वापस ले लिया।
4. राष्ट्रवाद को फैलाने में राष्ट्रवादी प्रतीकों की क्या भूमिका थी?
उत्तर:
राष्ट्रीय ध्वज ने एकता बढ़ाई
भारत माता की छवि ने देशभक्ति का भाव जगाया
गीतों, झंडों, त्योहारों, स्वदेशी वस्तुओं ने लोगों को एकजुट किया
5. किसान आंदोलनों के क्या कारण थे?
उत्तर:
करों में बढ़ोतरी
अकाल और महामारी
किसान पर लगान का दबाव
इससे किसान राष्ट्रवादी आंदोलन से जुड़ने लगे।
(B) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5–8 अंक)
1. प्रथम विश्व युद्ध ने भारत में राष्ट्रवाद को कैसे बढ़ावा दिया?
उत्तर:
युद्ध खर्च बढ़ने से करों में वृद्धि
खाद्यान्न की कमी और महंगाई
ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिक भर्ती
1918–19 की महामारी में लाखों मौतें
लोगों में असंतोष और अंग्रेज़ों के प्रति आक्रोश
यही परिस्थितियाँ राष्ट्रवाद की भावना को मजबूत करती गईं।
2. असहयोग आंदोलन की प्रमुख विशेषताएँ और परिणाम बताइए।
उत्तर:
(1) विशेषताएँ:
विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार
सरकारी स्कूलों और कॉलेजों का त्याग
वकीलों द्वारा अदालतों का बहिष्कार
स्वदेशी का प्रचार
हाथकरघे और खादी को बढ़ावा
(2) परिणाम:
ब्रिटिश सरकार कमजोर पड़ी
लोग राजनीतिक रूप से जागरूक हुए
कई जगह किसान आंदोलन तेज हुए
चौरी-चौरा हिंसा के बाद गांधीजी ने आंदोलन वापस ले लिया
3. सविनय अवज्ञा आंदोलन के उद्देश्य, कार्यक्रम और प्रभाव लिखिए।
उत्तर:
(1) उद्देश्य:
नमक कानून तोड़ना
अन्यायपूर्ण कानूनों का शांतिपूर्ण उल्लंघन
(2) कार्यक्रम:
दांडी यात्रा
करों का न भुगतान
जंगल कानूनों का उल्लंघन
शराब की दुकानों पर पिकेटिंग
विदेशी कपड़ों का बहिष्कार
(3) प्रभाव:
लाखों लोग आंदोलन में शामिल हुए
महिलाएँ बड़ी संख्या में जुड़ीं
उद्योगपतियों और किसानों ने समर्थन दिया
गांधी–इरविन समझौता हुआ
1. भारत में राष्ट्रवाद की शुरुआत किस घटना के बाद तेज हुई?
A. द्वितीय विश्व युद्ध
B. प्रथम विश्व युद्ध
C. असहयोग आंदोलन
D. दांडी यात्रा
✔️ उत्तर: B
2. गांधीजी भारत कब लौटे?
A. 1915
B. 1919
C. 1920
D. 1917
✔️ उत्तर: A
3. चंपारण आंदोलन किससे जुड़ा था?
A. मजदूर
B. दलित
C. नील किसान
D. व्यापारी
✔️ उत्तर: C
4. रोलेट एक्ट कब लागू किया गया?
A. 1917
B. 1919
C. 1921
D. 1922
✔️ उत्तर: B
5. जलियांवाला बाग हत्याकांड किसने करवाया?
A. लॉर्ड कर्जन
B. जनरल डायर
C. लॉर्ड इरविन
D. लॉर्ड माउंटबेटन
✔️ उत्तर: B
6. असहयोग आंदोलन कब शुरू हुआ?
A. 1920
B. 1919
C. 1930
D. 1942
✔️ उत्तर: A
7. असहयोग आंदोलन को क्यों वापस लिया गया?
A. दांडी यात्रा
B. पूना पैक्ट
C. चौरी-चौरा घटना
D. खिलाफत समाप्त
✔️ उत्तर: C
8. दांडी यात्रा कितनी लंबी थी?
A. 240 किमी
B. 200 किमी
C. 400 किमी
D. 110 किमी
✔️ उत्तर: A
9. नमक कानून का उल्लंघन किस आंदोलन से जुड़ा था?
A. असहयोग
B. सविनय अवज्ञा
C. स्वदेशी
D. खिलाफत
✔️ उत्तर: B
10. गांधी–इरविन समझौता कब हुआ?
A. 1920
B. 1932
C. 1931
D. 1930
✔️ उत्तर: C
11. पूना पैक्ट कब हुआ?
A. 1930
B. 1931
C. 1932
D. 1935
✔️ उत्तर: C
12. खिलाफत आंदोलन किसके समर्थन में था?
A. गांधी जी
B. तुर्की खलीफा
C. भारत माता
D. नेहरू
✔️ उत्तर: B
13. “सत्याग्रह” शब्द का अर्थ क्या है?
A. हिंसा
B. असत्य पर जोर
C. सत्य के लिए आग्रह
D. क्रांति
✔️ उत्तर: C
14. सविनय अवज्ञा आंदोलन कब शुरू हुआ?
A. 1922
B. 1930
C. 1942
D. 1925
✔️ उत्तर: B
15. गांधीजी ने दांडी यात्रा कहाँ से शुरू की?
A. वर्धा
B. कोलकाता
C. साबरमती आश्रम
D. अमृतसर
✔️ उत्तर: C
16. भारत माता की छवि को किसने चित्रित किया?
A. अविनाश चंद्र
B. अबनिंद्रनाथ टैगोर
C. रवि वर्मा
D. अमृता शेरगिल
✔️ उत्तर: B
17. असहयोग आंदोलन में सबसे अधिक समर्थन किस वर्ग ने दिया?
A. किसान
B. व्यापारी
C. विद्यार्थी
D. महिला
✔️ उत्तर: C
18. गांधीजी ने दलितों को क्या नाम दिया था?
A. शूद्र
B. हरिजन
C. बहुजन
D. देशवासी
✔️ उत्तर: B
19. ‘हम दोनो भाई–भाई’ गीत किस आंदोलन में गाया गया?
A. स्वदेशी
B. असहयोग
C. सविनय अवज्ञा
D. खिलाफत
✔️ उत्तर: D
20. जलियांवाला बाग घटना किस दिन हुई?
A. 13 अप्रैल 1919
B. 15 अगस्त 1919
C. 26 जनवरी 1919
D. 10 मार्च 1918
✔️ उत्तर: A
21. नील किसानों के लिए पहला सत्याग्रह – चंपारण।
✔️ उत्तर: चंपारण
22. खेड़ा आंदोलन किससे जुड़ा था?
✔️ उत्तर: कर माफी / किसान
23. अहमदाबाद आंदोलन किसके लिए था?
✔️ उत्तर: मिल मजदूरों की मजदूरी
24. “हिंदू–मुस्लिम एकता” को मजबूत करने वाला आंदोलन –
✔️ उत्तर: खिलाफत आंदोलन
25. राष्ट्रवाद का सांस्कृतिक प्रतीक –
✔️ उत्तर: भारत माता की छवि
26. विदेशी कपड़ों का बहिष्कार—किस आंदोलन का हिस्सा?
✔️ उत्तर: असहयोग आंदोलन
27. गांधीजी द्वारा “अस्पृश्यता विरोधी कार्य” कहाँ बढ़ा?
✔️ उत्तर: हरिजन सेवक संघ
28. दांडी में गांधीजी ने क्या बनाया?
✔️ उत्तर: नमक
29. दांडी यात्रा में गांधीजी के साथ कितने साथी थे?
✔️ उत्तर: 78
30. 1930 के नमक कानून को किसने ब्रिटिश चुनौती कहा?
✔️ उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
31. आंदोलन में शराब की दुकानों पर पिकेटिंग –
✔️ उत्तर: सविनय अवज्ञा आंदोलन
32. भारतीय राष्ट्रवाद को बल देने वाला एक महत्वपूर्ण माध्यम –
✔️ उत्तर: स्वदेशी
33. ‘पूरक निर्वाचक मंडल’ की माँग किसने की?
✔️ उत्तर: डॉ. बी.आर. अंबेडकर
34. गांधी–इरविन समझौते में क्या स्वीकार हुआ?
✔️ उत्तर: कांग्रेस दूसरा गोलमेज सम्मेलन करेगी
35. दूसरा गोलमेज सम्मेलन कब हुआ?
✔️ उत्तर: 1931
36. गांधीजी किस सिद्धांत में विश्वास करते थे?
✔️ उत्तर: अहिंसा और सत्य
37. नमक कानून को क्यों अनुचित माना गया?
✔️ उत्तर: नमक सभी की जरूरत है फिर भी कर लगाया गया
38. स्वदेशी का अर्थ –
✔️ उत्तर: देशी वस्तुओं का प्रयोग
39. 'भारत छोड़ो आंदोलन’ किस वर्ष हुआ?
✔️ उत्तर: 1942 (अगले अध्याय से)
40. राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइन को अंतिम रूप किस वर्ष दिया गया?
✔️ उत्तर: 1931भारत में राष्ट्रवाद" अध्याय हमें यह समझाता है कि आज जिस स्वतंत्र भारत में हम जी रहे हैं, वह अनगिनत संघर्षों, त्यागों, आंदोलनों और देशभक्ति की भावनाओं का परिणाम है। यह अध्याय केवल ऐतिहासिक घटनाओं का संग्रह नहीं, बल्कि उन विचारों, मूल्यों और एकता की शक्ति का प्रतीक है जिसने करोड़ों भारतीयों को एक ध्वज तले संगठित किया। चाहे गांधीजी का असहयोग आंदोलन हो, स्वदेशी आंदोलन, या सविनय अवज्ञा, हर संघर्ष ने भारतीयों को यह सिखाया कि स्वतंत्रता सामूहिक प्रयास से ही संभव है।
इस अध्याय में हम देखते हैं कि कैसे किसान, मजदूर, व्यापारी, महिलाएँ, विद्यार्थी और सभी वर्गों ने राष्ट्रवाद की भावना को अपनाया और ब्रिटिश शासन का विरोध किया। अध्याय यह भी बताता है कि कैसे "सत्य" और "अहिंसा" जैसे गांधीजी के सिद्धांतों ने राष्ट्रव्यापी चेतना जगाई। खादी का उपयोग, विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और स्वदेशी को अपनाने की भावना ने आर्थिक आत्मनिर्भरता को भी मजबूत किया।
इस पाठ से हमें यह सीख मिलती है कि राष्ट्रवाद केवल युद्ध या आंदोलन का नाम नहीं, बल्कि समान उद्देश्य, समान भावनाएँ और समान संघर्ष के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा है। स्वतंत्रता हमें उपहार में नहीं मिली; इसे पाने के लिए अनेक लोगों ने अपने जीवन का त्याग किया।
आज के समय में, इस अध्याय का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह हमें बताता है कि एकता, सहयोग और सत्य के मार्ग पर चलकर हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। स्वतंत्रता सिर्फ एक ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है—अपने देश को बेहतर बनाने की।
इसी संदेश के साथ अध्याय का समापन होता है कि राष्ट्रवाद भावना सिर्फ इतिहास का हिस्सा नहीं, बल्कि आज भी हर भारतीय के दिल में जीवित है—हमें प्रेरित करती हुई, मार्ग दिखाती हुई और राष्ट्र निर्माण की ओर अग्रसर करती हुई।
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