नाख़ून क्यों बढ़ते हैं - 10th Class Hindi Objective Question Answer

 

नाख़ून क्यों बढ़ते हैं- 10th Class Hindi Objective Question Answer

नाख़ून क्यों बढ़ते हैं — पूरी कहानी / सारांश

लेखक: हजारीप्रसाद द्विवेदी

यह निबंध विज्ञान, अनुभव और हास्य का सुंदर मिश्रण है। लेखक एक सरल-से दिखने वाले प्रश्न “नाख़ून क्यों बढ़ते हैं?” के माध्यम से मनुष्य के शरीर, उसकी उपयोगिता और जीवन की गति को बहुत रोचक ढंग से समझाते हैं।

कहानी / निबंध का सार

एक बार लेखक के मन में अचानक यह प्रश्न उठता है कि नाख़ून आखिर क्यों बढ़ते रहते हैं?

वे ध्यान देते हैं कि नाख़ून शरीर का ऐसा हिस्सा है जिसे हम रोज़ाना उपयोग में तो नहीं लाते, फिर भी वे लगातार बढ़ते रहते हैं। यह बात उन्हें उत्सुक कर देती है।

लेखक बताते हैं कि:

1. नाख़ून शरीर की सुरक्षा के लिए होते हैं

नाख़ून उँगलियों के सिरों की रक्षा करते हैं और उन्हें मज़बूती देते हैं। यदि नाख़ून न हों तो उँगलियों के कार्य (जैसे पकड़ना, खरोंचना, बारीक काम करना) बहुत कठिन हो जाएँ।

2. नाख़ून इसलिए बढ़ते हैं क्योंकि उनका लगातार उपयोग होता है

मनुष्य जन्म से ही काम करता आया है — खेती, शिकार, लकड़ी काटना, मिट्टी खोदना आदि।

इन कामों के दौरान नाख़ून घिसते रहते थे। इसलिए प्रकृति ने व्यवस्था की कि जितना नाख़ून घिसे, वह उतना बढ़ जाए।

आज भले ही हम इतने कठोर काम न करें, लेकिन शरीर की जैविक प्रकृति वही है, इसलिए नाख़ून आज भी बढ़ते रहते हैं।

3. मनुष्य के विकास (Evolution) का परिणाम

हजारीप्रसाद जी बताते हैं कि मनुष्य पहले पेड़ों पर रहने वाला जीव था।

उसे चढ़ने, पकड़ने और भोजन जुटाने के लिए मज़बूत नाख़ूनों की आवश्यकता थी।

इसलिए नाख़ून का बढ़ना मनुष्य के विकासक्रम की देन है।

4. नाख़ून बढ़ना शरीर की चेतना का संकेत है

नाख़ून तभी बढ़ते हैं जब व्यक्ति जीवित होता है।

यह शरीर की अंदरूनी जीवंतता और निरंतर क्रियाशीलता को दर्शाता है।

जैसे-जैसे शरीर भोजन बनाता है और रक्त संचार चलता है, वैसे ही नाख़ून की जड़े नई कोशिकाएँ बनाती रहती हैं।

5. नाख़ून और मानव-संस्कृति

लेखक मज़ाकिया ढंग से कहते हैं कि पुराने समय में लोग लंबे नाख़ून रखकर अपने “बड़प्पन” का प्रदर्शन करते थे।

कुछ लोग दिखावे के लिए नाख़ून बड़े रखते हैं और कुछ लोग फैशन के लिए, परंतु प्रकृति का उद्देश्य केवल उँगलियों की सुरक्षा और कार्यकुशलता है।

6. जीवन का बड़ा संदेश

लेखक अंत में संकेत देते हैं कि मनुष्य में विकास रुकता नहीं, जैसे नाख़ून बढ़ते रहते हैं।

जीवन में भी निरंतर आगे बढ़ते रहना ही विकास है।

मुख्य बिंदु (Important Points)

नाख़ून उँगलियों की सुरक्षा और कार्य में सहायता करते हैं।

मानव-श्रम और उसके विकासक्रम के कारण नाख़ून बढ़ने की प्रकृति बनी।

नाख़ून शरीर की सक्रियता और जीवंतता का संकेत हैं।

नाख़ून फैशन या दिखावा नहीं, बल्कि जैविक आवश्यकता हैं।

बहुत छोटा सारांश (2–3 लाइन में)

मनुष्य के नाख़ून उँगलियों की सुरक्षा और काम की आवश्यकता के कारण हमेशा से बढ़ते आए हैं। यह मनुष्य के कठोर श्रम और विकासक्रम का परिणाम है। नाख़ून लगातार बढ़ना शरीर की जीवंतता का भी संकेत है।

नीचे “नाख़ून क्यों बढ़ते हैं” – हजारीप्रसाद द्विवेदी

के सारांश, लघु/दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-उत्तर, तथा सामान्य प्रश्न-उत्तर 10th Class स्तर पर बहुत सरल भाषा में दिए जा रहे हैं:

📌 सारांश (Summary)

“नाख़ून क्यों बढ़ते हैं” निबंध में लेखक हजारीप्रसाद द्विवेदी एक साधारण-से प्रश्न के माध्यम से मानव शरीर, प्रकृति और विकासक्रम का रोचक विश्लेषण करते हैं। वे बताते हैं कि नाख़ून उँगलियों की सुरक्षा और कामकाज के लिए आवश्यक हैं। पुराने समय में मनुष्य कठोर श्रम करता था—शिकार, पेड़ पर चढ़ना, खोदना आदि—जिससे नाख़ून घिसते रहते थे। इसलिए प्रकृति ने नाख़ून को निरंतर बढ़ने की क्षमता दी। आज भले ही काम बदल गया है, पर शरीर की जैविक प्रक्रिया वही है, इसलिए नाख़ून बढ़ते रहते हैं।

लेखक यह भी कहते हैं कि नाख़ून का बढ़ना मनुष्य के जीवित होने का संकेत है और यह बताता है कि मानव विकास रुकता नहीं—जैसे नाख़ून बढ़ते रहते हैं, वैसे ही मनुष्य को भी जीवन में निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए।

📘 लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Questions)

1. नाख़ून क्यों बढ़ते हैं?

नाख़ून इसलिए बढ़ते हैं क्योंकि वे उँगलियों की सुरक्षा करते हैं और उनका लगातार उपयोग होता है। नाख़ून जितने घिसते हैं, शरीर उतने नए नाख़ून बना देता है।

2. नाख़ून का मुख्य कार्य क्या है?

नाख़ून उँगलियों को मजबूती देते हैं और बारीक काम करने में सहायता करते हैं।

3. लेखक के मन में यह प्रश्न कैसे आया कि नाख़ून क्यों बढ़ते हैं?

एक दिन नाख़ून को देखकर लेखक को उत्सुकता हुई कि बिना किसी विशेष उपयोग के भी नाख़ून क्यों बढ़ते रहते हैं।

4. मनुष्य के विकासक्रम में नाख़ून क्यों महत्वपूर्ण रहे हैं?

मनुष्य पहले पेड़ों पर रहने वाला जीव था। उसे चढ़ने-पकड़ने के लिए मजबूत नाख़ून चाहिए थे, इसलिए नाख़ून का बढ़ना विकासक्रम की देन है।

5. नाख़ून को शरीर की जीवंतता का संकेत क्यों कहा गया है?

क्योंकि नाख़ून तभी बढ़ते हैं जब व्यक्ति जीवित होता है; मृत शरीर में नाख़ून नहीं बढ़ते।

6. क्या आज भी नाख़ून काम के कारण घिसते हैं?

आज पहले जितने नहीं, लेकिन दैनिक कार्यों में थोड़ा-बहुत घिसना अभी भी होता है, इसलिए वे बढ़ते रहते हैं।

📙 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Questions)

1. निबंध ‘नाख़ून क्यों बढ़ते हैं’ में लेखक ने नाख़ून के बढ़ने के कारणों की कैसे व्याख्या की है?

लेखक बताते हैं कि नाख़ून उँगलियों की सुरक्षा और कार्यकुशलता के लिए आवश्यक हैं। पुराने समय में मनुष्य कठोर श्रम करता था—पेड़ों पर चढ़ना, शिकार करना, मिट्टी खोदना आदि। इन कार्यों में नाख़ून बार-बार घिसते थे। प्रकृति ने ऐसी व्यवस्था की कि जितना नाख़ून घिसे, उतना वह स्वतः बढ़ जाए। यह प्रक्रिया आज भी जारी है, क्योंकि शरीर की जैविक प्रकृति नहीं बदली।

नाख़ून मनुष्य के विकासक्रम का भी परिणाम हैं, क्योंकि पूर्वज जीवों को पकड़ने और चढ़ने में इनकी आवश्यकता थी। लेखक बताते हैं कि नाख़ून बढ़ना शरीर की जीवंतता का भी संकेत है।

इस प्रकार, लेखक एक सामान्य से प्रश्न के माध्यम से जीवन, मानव-विकास और शरीर-क्रिया का वैज्ञानिक और रोचक विवरण प्रस्तुत करते हैं।

2. नाख़ून को लेकर लेखक ने कौन-कौन से हास्यपूर्ण/रोचक तर्क दिए हैं? विस्तार से लिखिए।

लेखक नाख़ून के बढ़ने के पीछे वैज्ञानिक कारणों के साथ-साथ कई हास्यपूर्ण बातें भी कहते हैं। वे बताते हैं कि कुछ लोग नाख़ून इसलिए बढ़ाते हैं ताकि लोग उन्हें “कामचोर” न समझें—जैसे पुराने समय में लंबे नाख़ून अमीरी या आरामपसंद होने का प्रतीक थे।

लेखक हँसी-मजाक में कहते हैं कि प्रकृति ने नाख़ून इसलिए बढ़ाए ताकि मनुष्य बिना हथियार के भी कई काम कर सके—जैसे खुजलाना, खरोंचना, खोलना आदि।

इस प्रकार, गंभीर विषय में हास्य मिश्रित करके लेखक निबंध को रोचक बना देते हैं।

3. निबंध का अंत मनुष्य के विकास और जीवन-दर्शन से कैसे जुड़ता है?

निबंध के अंत में लेखक कहते हैं कि मनुष्य का विकास कभी नहीं रुकता—जैसे नाख़ून लगातार बढ़ते हैं, वैसे ही मनुष्य को भी जीवन में हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए। नाख़ून बढ़ना एक छोटे-से शारीरिक तथ्य के रूप में शुरू होता है, लेकिन लेखक इसे बड़ा जीवन संदेश बना देते हैं कि रुक जाना मनुष्य की प्रकृति नहीं है।

इस प्रकार, लेखक शरीर-विज्ञान से लेकर मानव जीवन- दृष्टि तक एक सुंदर संबंध स्थापित करते हैं।

📗 सामान्य प्रश्न-उत्तर (Short Q&A for Exam)

1. लेखक का नाम लिखिए।

– हजारीप्रसाद द्विवेदी

2. नाख़ून मुख्यतः कहाँ बनते हैं?

– नाख़ून की जड़ में, जहाँ नई कोशिकाएँ बनती हैं।

3. नाख़ून बढ़ना किस बात का सूचक है?

– शरीर की जीवंतता और सक्रियता का।

4. मनुष्य के पूर्वज किस प्रकार के कार्यों से नाख़ून घिसते थे?

– चढ़ना, पकड़ना, खोदना, शिकार करना।

नीचे “नाख़ून क्यों बढ़ते हैं” – हजारीप्रसाद द्विवेदी

के MCQ, एक शब्द/परिभाषा वाले प्रश्न, तथा अतिरिक्त प्रश्न-उत्तर 10th Class स्तर के अनुसार सरल भाषा में दिए जा रहे हैं:

📘 1. MCQ (बहुविकल्पीय प्रश्न)

(Answer भी दिया गया है)

1. निबंध ‘नाख़ून क्यों बढ़ते हैं’ के लेखक कौन हैं?

A. प्रेमचंद

B. हजारीप्रसाद द्विवेदी

C. रामधारी सिंह दिनकर

D. महादेवी वर्मा

✔ उत्तर: B

2. नाख़ून सबसे अधिक किस काम में सहायक होते हैं?

A. बोलने में

B. उँगलियों की सुरक्षा में

C. दौड़ने में

D. साँस लेने में

✔ उत्तर: B

3. नाख़ून कहाँ से बढ़ते हैं?

A. सिर से

B. जड़ से

C. बीच से

D. किनारे से

✔ उत्तर: B

4. नाख़ून बढ़ना किसका संकेत है?

A. बीमारी का

B. मोटापे का

C. जीवित होने का

D. ठंड लगने का

✔ उत्तर: C

5. मनुष्य के नाख़ून किस कारण से घिसते थे?

A. आराम करने से

B. कठोर श्रम से

C. सोने से

D. नाचने से

✔ उत्तर: B

6. मनुष्य के पूर्वज कहाँ रहते थे?

A. पानी में

B. ज़मीन के नीचे

C. पेड़ों पर

D. पहाड़ों के अंदर

✔ उत्तर: C

7. नाख़ून बढ़ने की प्रक्रिया का मुख्य कारण क्या है?

A. फैशन

B. भोजन की कमी

C. जैविक प्रकृति

D. पानी की कमी

✔ उत्तर: C

8. लंबे नाख़ून किनका प्रतीक माने जाते थे?

A. गरीबों का

B. अमीर और आरामपसंद लोगों का

C. छात्रों का

D. खिलाड़ियों का

✔ उत्तर: B

9. नाख़ून किस पदार्थ से बने होते हैं?

A. कैल्शियम

B. केराटिन

C. पानी

D. प्रोटीन

✔ उत्तर: B

10. निबंध में किस प्रकार की भाषा शैली का प्रयोग हुआ है?

A. गंभीर और कठिन

B. केवल वैज्ञानिक

C. हास्यपूर्ण और व्यंग्यात्मक

D. काव्यात्मक

✔ उत्तर: C

📙 2. एक शब्द / परिभाषा वाले प्रश्न

1. नाख़ून में पाया जाने वाला मुख्य पदार्थ क्या है?

✔ केराटिन

2. नाख़ून बढ़ना किस बात का प्रतीक है?

✔ जीवंतता / जीवन-क्रिया

3. लेखक के अनुसार नाख़ून का मुख्य कार्य क्या है?

✔ उँगलियों की सुरक्षा

4. मनुष्य के विकासक्रम को अंग्रेज़ी में क्या कहते हैं?

✔ Evolution (एवोल्यूशन)

5. नाख़ून सबसे अधिक कहाँ से बनते हैं?

✔ जड़ से (Nail root)

6. लंबे नाख़ून पुराने समय में किसका प्रतीक माने जाते थे?

✔ बड़प्पन / अमीरी

7. नाख़ून बढ़ने की प्रक्रिया किस कारण चलती रहती है?

✔ कोशिका-विभाजन (Cell division)

8. “नाख़ून क्यों बढ़ते हैं” किस विधा का लेख है?

✔ निबंध

📗 3. अतिरिक्त महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: निबंध का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर:

निबंध का उद्देश्य एक साधारण प्रश्न के माध्यम से मानव-शरीर, प्रकृति और विकासक्रम को सरल और हास्यपूर्ण ढंग से समझाना है।

प्रश्न 2: लेखक नाख़ून को ‘जीवंतता का संकेत’ क्यों कहते हैं?

उत्तर:

क्योंकि नाख़ून तभी बढ़ते हैं जब शरीर जीवित होता है। मृत शरीर में नाख़ून नहीं बढ़ते, इसलिए यह जीवंतता का संकेत है।

प्रश्न 3: मनुष्य के पुराने श्रमों का नाख़ून से क्या संबंध है?

उत्तर:

पुराने समय में मनुष्य पेड़ों पर चढ़ता था, मिट्टी खोदता था और शिकार करता था। ऐसे कठोर कामों में नाख़ून घिसते रहते थे। इसलिए प्रकृति ने उन्हें लगातार बढ़ने योग्य बनाया।

प्रश्न 4: लेखक ने नाख़ून के संबंध में कौन-सी हास्यपूर्ण बातें कही हैं?

उत्तर:

लेखक कहते हैं कि कुछ लोग लंबे नाख़ून इसलिए रखते हैं ताकि लोग उन्हें “कामचोर” न समझें। वे मज़ाकिया ढंग से बताते हैं कि नाख़ून फैशन से ज्यादा प्रकृति की जरूरत हैं।

प्रश्न 5: निबंध के अंत में लेखक कौन-सा जीवन-दर्शन प्रस्तुत करते हैं?

उत्तर:

लेखक कहते हैं कि मनुष्य हमेशा आगे बढ़ने वाला प्राणी है। जैसे नाख़ून लगातार बढ़ते रहते हैं, वैसे ही मनुष्य का विकास भी रुकता नहीं है।

प्रश्न 6: नाख़ून का न बढ़ना किसका संकेत होगा?

उत्तर:

नाख़ून का न बढ़ना शरीर में कमजोरी, पोषण की कमी या स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।

40 Important Objective Questions (MCQ + One-Liner)

(A) Multiple Choice Questions – MCQ (1–25)

1. ‘नाख़ून क्यों बढ़ते हैं’ के लेखक कौन हैं?

A. महादेवी वर्मा

B. हजारीप्रसाद द्विवेदी

C. रामधारी सिंह दिनकर

D. हरिवंशराय बच्चन

✔ उत्तर: B

2. नाख़ून मुख्य रूप से किसके बने होते हैं?

A. वसा

B. पानी

C. केराटिन

D. कैल्शियम

✔ उत्तर: C

3. नाख़ून कहाँ से बढ़ते हैं?

A. नोक से

B. जड़ से

C. किनारे से

D. बीच से

✔ उत्तर: B

4. नाख़ून उँगलियों को क्या प्रदान करते हैं?

A. रंग

B. मजबूती

C. गर्मी

D. नमी

✔ उत्तर: B

5. नाख़ून बढ़ना किसका प्रमाण है?

A. शरीर की कमजोरी का

B. जीवित होने का

C. उम्र बढ़ने का

D. रोग का

✔ उत्तर: B

6. मनुष्य के पूर्वज कहाँ रहते थे?

A. समुद्र में

B. धरती के नीचे

C. पेड़ों पर

D. गुफाओं में

✔ उत्तर: C

7. नाख़ून क्यों घिसते थे?

A. पढ़ने से

B. कठोर श्रम से

C. पानी पीने से

D. सोने से

✔ उत्तर: B

8. नाख़ून का बढ़ना किस प्रक्रिया के कारण होता है?

A. पाचन

B. कोशिका-विभाजन

C. श्वसन

D. रक्त-संचार

✔ उत्तर: B

9. लंबे नाख़ून पुराने समय में किसका प्रतीक थे?

A. गरीबी

B. अमीरी

C. सौंदर्य

D. पवित्रता

✔ उत्तर: B

10. लेखक किस शैली में निबंध प्रस्तुत करते हैं?

A. रूखी

B. वैज्ञानिक

C. हास्यपूर्ण

D. काव्यात्मक

✔ उत्तर: C

11. नाख़ून कौन-सी चीज़ नहीं करते?

A. सुरक्षा

B. सहायता

C. रक्त बनाना

D. पकड़ में मजबूती

✔ उत्तर: C

12. नाख़ून सबसे तेज़ कब बढ़ते हैं?

A. सर्दी में

B. गर्मी में

C. हवा में

D. पानी में

✔ उत्तर: B

13. मनुष्य के शरीर में नाख़ून किस भाग में होते हैं?

A. आँख

B. उँगली

C. कान

D. बाल

✔ उत्तर: B

14. लेखक के अनुसार नाख़ून का न बढ़ना किस ओर संकेत करता है?

A. स्वास्थ्य खराब होना

B. अमीरी

C. शक्ति

D. सुंदरता

✔ उत्तर: A

15. नाख़ून तेज़ी से बढ़ते हैं जब—

A. भूख लगे

B. हाथ काम में लगे हों

C. नींद आए

D. टीवी देखें

✔ उत्तर: B

16. लेखक किस बात को हास्यपूर्ण ढंग से बताते हैं?

A. विज्ञान

B. नाख़ून का फैशन

C. इतिहास

D. संस्कृति

✔ उत्तर: B

17. नाख़ून के नीचे का नरम भाग क्या कहलाता है?

A. मैट्रिक्स

B. बेस

C. टिप

D. रूट

✔ उत्तर: A

18. नाख़ून का रंग बदलने का कारण क्या हो सकता है?

A. धूप

B. बीमारी

C. हवा

D. पसीना

✔ उत्तर: B

19. नाख़ून बढ़ने की गति किससे प्रभावित होती है?

A. मौसम

B. उम्र

C. भोजन

D. उपरोक्त सभी

✔ उत्तर: D

20. नाख़ून काटने पर दर्द क्यों नहीं होता?

A. नाख़ून मृत कोशिकाएँ हैं

B. उनमें खून नहीं है

C. उनमें नसें नहीं हैं

D. उपरोक्त सभी

✔ उत्तर: D

21. लेखक ने नाख़ून को किससे जोड़ा है?

A. सौंदर्य

B. जीवन-दर्शन

C. रोग

D. राजनीति

✔ उत्तर: B

22. नाख़ून का बढ़ना किस पर आधारित है?

A. जल

B. प्रोटीन

C. केराटिन

D. सभी पर

✔ उत्तर: D

23. उँगलियों के बिना नाख़ून का क्या हो जाएगा?

A. आकार बदल जाएगा

B. वे नहीं बनेंगे

C. बढ़ना बंद हो जाएगा

D. मोटे हो जाएँगे

✔ उत्तर: B

24. निबंध का स्वर कैसा है?

A. व्यंग्यात्मक

B. दुखपूर्ण

C. भयानक

D. संघर्षपूर्ण

✔ उत्तर: A

25. लेखक नाख़ून के बढ़ने को किस चीज़ से तुलना करते हैं?

A. जीवन की गति

B. प्रकृति

C. श्रम

D. भोजन

✔ उत्तर: A

(B) One-Liner Objective Questions (26–40)

26. नाख़ून शरीर का कौन-सा भाग है?

✔ अंग का कठोर बाहरी भाग

27. नाख़ून किसको संरक्षण देते हैं?

✔ उँगलियों के सिरों को

28. नाख़ून किस गति से बढ़ते हैं?

✔ धीमी लेकिन निरंतर

29. नाख़ून मृत कोशिकाओं से बने होते हैं?

✔ हाँ

30. नाख़ून की जड़ को क्या कहा जाता है?

✔ नेल रूट

31. नाख़ून कहाँ नहीं होते?

✔ पैर में अंगूठे के नीचे (त्वचा के भीतर)

32. नाख़ून का सफेद अर्धचंद्राकार भाग क्या कहलाता है?

✔ लुनुला (Lunula)

33. नाख़ून का कठोर ऊपरी भाग क्या कहलाता है?

✔ नेल प्लेट

34. नाख़ून का मुख्य कार्य क्या है?

✔ उँगलियों को मजबूती और सुरक्षा देना

35. नाख़ून का अचानक रुक जाना किसका संकेत है?

✔ पोषण की कमी

36. लेखक के अनुसार मानव विकास का मूल क्या है?

✔ निरंतर आगे बढ़ते रहना

37. लंबे नाख़ून किसका प्रतीक माने जाते थे?

✔ अमीरी और विलासिता

38. नाख़ून काटने का सबसे सही तरीका क्या है?

✔ नाख़ून कटर से हल्के घुमाव में

39. नाख़ून बढ़ने के लिए शरीर को किस पोषक तत्व की आवश्यकता होती है?

✔ प्रोटीन

40. लेखक ने नाख़ून पर चर्चा के माध्यम से क्या संदेश दिया है?

✔ जीवन में निरंतर विकास आवश्यक है

(समापन)

“नाख़ून क्यों बढ़ते हैं” निबंध अपने सरल प्रश्न के माध्यम से हमें मानव शरीर, प्रकृति और विकासक्रम की गहराई से परिचय कराता है। लेखक हजारीप्रसाद द्विवेदी छोटे-से विषय में हास्य, विज्ञान और जीवन-दर्शन का ऐसा मेल प्रस्तुत करते हैं कि पाठ न केवल रोचक बन जाता है बल्कि विचारोत्तेजक भी। यह निबंध सिखाता है कि प्रकृति का हर नियम किसी न किसी उद्देश्य से बना है—नाख़ून का बढ़ना भी हमारी सुरक्षा, उपयोगिता और निरंतर सक्रियता का प्रतीक है।

अंततः लेखक हमें यह संदेश देते हैं कि जीवन में भी गतिशीलता बनाए रखना आवश्यक है; जैसे नाख़ून लगातार बढ़ते रहते हैं, वैसे ही मनुष्य को भी अपने जीवन में निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए। यही विकास है, यही जीवन का सार है।

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